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दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुका पाकिस्तान आखिर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के आगे झुक ही गया। राजस्व को बढ़ाने के लिए धन विधेयक मंगलवार को नेशनल असेंबली में पारित कर दिया। कर बढ़ाने के पाक के इस कदम से वहां महंगाई और बढ़ जाएगी।
विदेशी मुद्राकोष की भारी कमी के चलते पाक पिछले कई महीनों से आईएमएफ से बेलआउट पैकेज पाने की कोशिश में जुटा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान से दिवालिया होने से बचने के लिए कठोर कदम उठाने और कई कड़ी शर्तों को लागू करने के लिए कहा था। बेलआउट पैकेज पाने के लिए पाक ने मिनी बजट पारित किया था, जिसे संसद के निचले सदन ने मंजूरी दे दी थी।
विलासिता की वस्तुओं पर बढ़ाई गई करों की दर इस विधेयक को पारित कर विलासिता की वस्तुओं पर बिक्री कर को बढ़ाकर 17 से 25 प्रतिशत कर दिया गया है। सामान्य बिक्री कर को भी 17 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है। लोगों को बिजनेस क्लास हवाई यात्रा, शादी हॉल, मोबाइल फोन और धूप के चश्मे के लिए भी अधिक भुगतान करना होगा।
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राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी मौजूदा बिल से पाक सरकार को जून के अंत तक चालू वित्त वर्ष की समाप्त होने पर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष कोष द्वारा निर्धारित शर्त 170 अरब रुपये एकत्र करने में मदद मिलेगी। वित्तमंत्री डार ने कहा कि बिजली क्षेत्र में कुप्रबंधन के लिए इमरान सरकार दोषी है। उन्होंने इमरान सरकार की नीतियों को मौजूदा वित्तीय संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया।
आईएमएफ ने तय की है समय सीमा पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से मदद के लिए आईएमएफ ने उसके सामने कड़ी शर्तें रखी हैं और उसे पूरा करने के लिए एक मार्च की समय सीमा तय की है। पाक 1.1 अरब डॉलर की सहायता राशि पाना चाहता है क्योंकि उसका विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर से भी कम बचा है।