मई माह में गोल्ड की कीमत 49 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार थी लेकिन इसके बावजूद खरीदारी में किसी तरह की कमी नहीं आई। गोल्ड की जबरदस्त डिमांड का ही असर था कि मई में आयात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
कितना बढ़ा आयात: मई में भारत का गोल्ड का आयात एक साल पहले की तुलना में 677% बढ़कर सालभर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। एक साल पहले 13 टन की तुलना में इस बार मई माह में 101 टन सोने का आयात हुआ। मूल्य के लिहाज से मई का आयात एक साल पहले के 67.8 करोड़ डॉलर से बढ़कर 5.83 अरब डॉलर हो गया। हालांकि, जून में भारत के गोल्ड का आयात 60 टन से नीचे आ सकता है।
वजह क्या है: मई के पहले सप्ताह में मनाए जाने वाले वार्षिक हिंदू और जैन त्योहार के दौरान गोल्ड खरीदना शुभ माना जाता है। इस वजह से गोल्ड की खरीदारी बढ़ गई। इसके अलावा शादी के मौसम के कारण पिछले महीने गोल्ड की मांग में भी सुधार हुआ था।
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दरअसल, कोविड संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के कारण पिछले साल से बहुत सारी शादियों को 2022 तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। ज्यादातर शादियां मई माह में हुईं तो गोल्ड की खरीदारी भी बढ़ी। आपको बता दें कि गोल्ड भारत में दुल्हन के दहेज का एक अनिवार्य हिस्सा है और शादियों में परिवार, मेहमानों का एक लोकप्रिय उपहार भी है।