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ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने मंगलवार को कहा कि 28 फीसद जीएसटी लगाने के फैसले से नए गेम में निवेश करने की उनकी क्षमता सीमित होने के साथ नकद प्रवाह और कारोबार विस्तार पर भी असर पड़ेगा। नजारा, गेम्सक्राफ्ट, जुपी और विंजो जैसी गेमिंग कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) ने कहा कि जीएसटी परिषद का यह फैसला असंवैधानिक और तर्कहीन है।
एआईजीएफ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रोलैंड लैंडर्स ने कहा, यह निर्णय पूरे भारतीय गेमिंग उद्योग को खत्म कर देगा और लाखों लोगों की नौकरी चली जाएगी। इससे सिर्फ राष्ट्र-विरोधी गैरकानूनी विदेशी मंच ही लाभान्वित होंगे।
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उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार इस उद्योग का समर्थन करती रही है तो इस मामले का विस्तार से अध्ययन करने वाले मंत्री समूह के अधिकांश सुझाव नजरअंदाज करते हुए कानूनी रूप से ऐसा कमजोर निर्णय लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
8 फीसद जीएसटी लगाने का अनुरोध किया था
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने सरकार और जीएसटी परिषद से 28 फीसद के बजाय 18 फीसद जीएसटी लगाने का अनुरोध किया था। इंडियाप्लेज के मुख्य परिचालन अधिकारी आदित्य शाह ने कहा, फीसद कर लगाने से गेमिंग उद्योग के लिए चुनौतियां बढ़ जाएंगी। ऊंचे कर का बोझ कंपनियों के नकद प्रवाह को प्रभावित करेगा जिससे नवाचार, अनुसंधान और व्यापार विस्तार में निवेश करने की उनकी क्षमता भी सीमित हो जाएगी। कौशल-आधारित गेम और सट्टेबाजी में लगे ऐप्स या कसीनो के साथ एक जैसा बर्ताव नहीं होना चाहिए।