सार्वजनिक क्षेत्र के IDBI बैंक की बिक्री की प्रक्रिया अब तेज हो गई है। इसी कड़ी में अब केंद्र सरकार बैंक के संभावित खरीदार के लिए एक प्रमुख मानदंड में ढील दिलाना चाहती है। इसके लिए शेयर बाजार को रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी से बातचीत हो रही है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने IDBI बैंक में 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए बोलियां आमंत्रित की हुई है। इस कुल हिस्सेदारी में सरकार के पास 45.48 प्रतिशत और जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पास 49.24 प्रतिशत है।
कहां फंसा है पेच: न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सेबी के नियम कुछ ऐसे हैं, जिसमें नए खरीदार को दिक्कत हो सकती है। सेबी गाइडलाइन के मुताबिक सूचीबद्ध होने के तीन साल के भीतर कंपनियों के लिए पब्लिक शेयरहोल्डिंग का न्यूनतम 25% अनिवार्य है। हालांकि, सरकारी कंपनियों के मामले में ऐसा नहीं है। अब सरकार ने सेबी से पूछा है कि क्या वह हिस्सेदारी बिक्री के बाद सरकार और एलआईसी की लगभग 34% की शेष हिस्सेदारी को श्रेणीबद्ध कर सकती है।
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आसान भाषा में समझें तो सरकार चाहती है कि बिक्री के बाद जो 34% हिस्सेदारी बचेगी, उसे एकसाथ कर दिया जाए। इससे नए खरीदार को स्वामित्व कम किए बिना मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग मानदंड को पूरा करने में मदद करेगी। हालांकि, इस मामले पर भारत के वित्त मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर कोई जवाब नहीं दिया है।