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बीते दिनों केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य योजना (Central Government Health Scheme या CGHS) में कुछ अहम बदलाव किए। इस बदलाव की वजह से अब कर्मचारियों को अलग-अलग कैटेगरी में पहले के मुकाबले ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। आइए जानते हैं कि सरकार ने आखिर क्या कुछ बदला है।
बीते अप्रैल महीने में सभी CGHS लाभार्थियों के लिए CGHS के पैकेज दरों में बदलाव किया गया है। इसक साथ ही CGHS के तहत रेफरल की प्रक्रिया को सरल बनाया गया था। नए नियम के तहत कर्मचारियों को परामर्श शुल्क ज्यादा देना होगा। इसमें ओपीडी की दरें 150 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये कर दी गई हैं, जबकि आईपीडी के लिए शुल्क 300 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया गया है। सभी वार्ड पात्रता के लिए रहने सहित आईसीयू सेवाओं की कीमत 5,400 रुपये तय की गई है।
कमरों की दर में भी बदलाव: CGHS लाभार्थियों के लिए अस्पताल के कमरों की दरों में बदलाव किया गया है। सामान्य कमरे का किराया 1000 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये, सेमी-प्राइवेट वार्ड का 2000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये और प्राइवेट कमरे का किराया 3000 रुपये से बढ़ाकर 4500 रुपये कर दिया गया है। बता दें कि सीजीएचएस के दायरे में केंद्र सरकार के लगभग 42 लाख कर्मचारियों, पेंशनर आते हैं।