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बदलने जा रहा पेंशन का फॉर्मूला, EPFO को रिपोर्ट का इंतजार

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EPFO News: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) मासिक पेंशन निर्धारण के मौजूदा फॉर्मूले में बदलाव पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इसके तहत पूरी पेंशन योग्य सेवा के दौरान प्राप्त औसत पेंशन योग्य वेतन के आधार पर मासिक पेंशन निर्धारित करने का प्रस्ताव है। हालांकि, इस बारे में अंतिम निर्णय पेंशन, उसके लिए भुगतान राशि और जोखिम का आकलन करने वाले ‘एक्चुअरी’ की रिपोर्ट आने के बाद किया जाएगा। 

अभी क्या है फॉर्मूला
फिलहाल EPFO कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) के तहत मासिक पेंशन के निर्धारण के लिए पेंशन योग्य वेतन (अंतिम 60 महीने का औसत वेतन) गुना पेंशन योग्य सर्विस / 70 ….फॉर्मूले का उपयोग करता है। EPFO अगर पेंशन के लिए फॉर्मूले में बदलाव करता है, तो इससे निश्चित रूप से हायर पेंशन का विकल्प चुनने वालों समेत सभी की मासिक पेंशन का निर्धारण मौजूदा फॉर्मूले के मुकाबले कम होगा। 

उदाहरण से समझते हैं
मान लीजिए कि हायर पेंशन का विकल्प चुनने वाले का अंतिम 60 महीने का औसत वेतन 80,000 रुपये बैठता है और उसकी पेंशन योग्य नौकरी 32 साल है। ऐसे में मौजूदा फॉमूले (80,000 गुना 32/70) के तहत उसकी पेंशन 36,571 रुपये बनती है। वहीं, जब पूरी पेंशन योग्य नौकरी के दौरान वेतन का औसत लिया जाएगा तो मासिक पेंशन का निर्धारण कम होगा क्योंकि नौकरी के शुरुआती दिनों में वेतन (मूल वेतन और डीए) कम होता है।  

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हायर पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट का है आदेश
बता दें कि पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से अंशधारकों को हायर पेंशन का विकल्प चुनने के लिये चार महीने का समय देने को कहा था। ईपीएफओ ने अंशधारकों को हारय पेंशन का विकल्प चुनने के लिये नियोक्ताओं के साथ ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म भरने के लिये ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई है। इसके लिये समयसीमा पहले तीन मई, 2023 थी, जिसे बढ़ाकर 26 जून, 2023 कर दिया गया है।

किसका कितना कंट्रीब्यूशन
कर्मचारी EPFO की भविष्य निधि में 12 प्रतिशत का योगदान करते हैं। वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत योगदान में से 8.33 प्रतिशत EPS में जाता है। शेष 3.67 प्रतिशत कर्मचारी भविष्य निधि में जाता है। सरकार कर्मचारी पेंशन योजना में 15,000 रुपये मूल वेतन की सीमा पर 1.16 प्रतिशत का योगदान सब्सिडी के रूप में देती है।
 

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