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बढ़े ब्याज ने कर दिया ‘खेल’, अब 54 साल तक चुकाना होगा होम लोन

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होम लोन लेने वाले भौचक्के हैं। रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से रेपो रेट बढ़ाए जाने का सीधा असर उन लोगों पर पड़ा है, जिन्होंने फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट्स पर होम लोन ले रखा है। ऐसे होम लोन बॉरोअर्स की या तो लोन चुकाने की अवधि कई साल बढ़ गई है या फिर उन्हें पहले से ज्यादा EMI देनी पड़ रही है। ऐसा ही एक मामला हैदराबाद के रवि कोरूकोंडा का है। 43 साल के रवि का कहना है, ‘मेरा बैंक चाहता है कि मैं 70 साल के बाद भी अपना होम लोन चुकाता रहूं। मेरे बैंक ने होम लोन की अवधि को बढ़ाकर 345 महीने कर दिया है। जबकि होम लोन चुकाने की ऑरिजनल अवधि 230 महीने थी।’

RBI ने 2.25% बढ़ा दिया है रेपो रेट
रिजर्व बैंक ने मई 2022 के बाद से रेपो रेट में 225 बेसिस प्वाइंट (2.25 पर्सेंट) की बढ़ोतरी की है। बैंकों ने भी बढ़ी हुई ब्याज दरों का बोझ ग्राहकों में पर डालने में कोई देरी नहीं की। रवि कोरूकोंडा की होम लोन की ब्याज दरें मौजूदा समय में बढ़कर 9 पर्सेंट पहुंच गई हैं। रवि ने साल 2019 में 7.15 पर्सेंट पर होम लोन लिया था। बेंगलुरु में रहने वाले 42 साल के अल्बर्ट अरुल प्रकाश राजेंद्रन का मामला भी कुछ ऐसा ही है। अरुल ने पिछले 2 साल में अपने बकाया लोन में करीब 14 लाख रुपये चुकाए हैं। लेकिन, होम लोन की बढ़ी ब्याज दरों ने उन्हें तगड़ा झटका दिया है। अरुल का कहना है, ‘होम लोन की ब्याज दरें बढ़ने के बाद मेरा लोन टर्म फिर से 15 साल का हो गया है।’ अरुल ने साल 2021 में 6.5 पर्सेंट के इंटरेस्ट रेट पर होम लोन लिया था और अभी उनके होम लोन की ब्याज दरें 9 पर्सेंट हैं।   

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होम लोन बॉरोअर्स की देनदारी में बड़ा इजाफा
रवि कोरूकोंडा और अरुल प्रकाश राजेंद्रन अकेले मामले नहीं हैं। होम लोन लेने वाले ज्यादातर ग्राहकों को बढ़ी हुई ब्याज दरों का झटका लगा है। रवि कोरूकोंडा ने 2.2 करोड़ रुपये का लोन लिया था। मूलधन (प्रिंसिपल अमाउंट) और ब्याज मिलाकर उन्हें 4 करोड़ रुपये चुकाने थे। लेकिन, अब 9 पर्सेंट के इंटरेस्ट रेट में यह अमाउंट बढ़कर करीब 6.3 करोड़ रुपये हो गया है। रवि कोरूकोंडा ने 20 साल के लिए लोन दिया था, अब लोन चुकाने की मियाद बढञकर 28 साल 9 महीने हो गई है। साथ ही, उनकी EMI भी 1500 रुपये बढ़ गई है। 

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आमतौर पर लोन चुकाने की अवधि बढ़ा देते हैं बैंक
पॉलिसी रेट्स में बढ़ोतरी के आधार पर जब भी बैंक इंटरेस्ट रेट्स रिवाइज करते हैं तो वह डिफॉल्ट ऑप्शन के तौर पर लोन चुकाने की अवधि में बढ़ोतरी करते हैं। EMI अमाउंट या तो बॉरोअर की रिक्वेस्ट पर बढ़ाया जाता है या फिर जब EMI ब्याज के अनुपात को कवर नहीं कर पाती है तो इसमें बढ़ोतरी की जाती है। ब्याज दरों में हुई बढ़ोतरी ने खासतौर से उन लोगों पर असर डाला है, जिन्होंने पिछले 2 साल में लोन लिया है। इस पीरियड में 6.5 से 6.8 पर्सेंट के इंटरेस्ट रेट्स पर लोन स्वीकृत हुए हैं और अब 200-300 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी लोगों को बोझ बढ़ा रही है।   

बढ़कर 54 साल पहुंच गई लोन चुकाने की मियाद
बढ़ी ब्याज दरों के असर से जुड़ा एक मामला हैदराबाद के आईटी प्रोफेशनल रवि कुमार का है। कुमार ने मार्च 2022 में 6.5 पर्सेंट के इंटरेस्ट रेट पर 20 साल के लिए लोन लिया था। ठीक एक साल बाद अब उनके होम लोन की इंटरेस्ट रेट बढ़कर 9 पर्सेंट और लोन चुकाने की मियाद 54 साल पहुंच गई है। उन्होंने बताया, ‘जब मैंने अपने बैंक के मोबाइल ऐप में रिवाइज्ड लोन टर्म को देखा तो मुझे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ। मुझे पहले लगा कि यह कोई एरर है।’

डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।

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