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फोन टैपिंग केस में एनएसई की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्णा को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दी

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एनएसई के पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्णाा को दिल्ली हाईकोर्ट ने फोन टैपिंग केस में जमानत दे दी है।  चित्रा रामकृष्णाा को पहले सीबीआई ने कथित एनएसई को-लोकेशन घोटाले में गिरफ्तार किया था। फोन टेपिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल 14 जुलाई को गिरफ्तार किया था।

ईडी ने कहा-साजिश की मास्टरमाइंड

 जमानत पर सुनवाई के दौरान ईडी ने फोन टेपिंग मामले में उनकी जमानत याचिका का इस आधार पर विरोध किया था कि वह साजिश की मास्टरमाइंड थीं। ईडी के मुताबिक फोन टैपिंग का मामला 2009 से 2017 के बीच का है, जब एनएसई के पूर्व सीईओ रवि नारायण, रामकृष्णा, कार्यकारी उपाध्यक्ष रवि वाराणसी और प्रमुख (परिसर) महेश हल्दीपुर और अन्य ने एनएसई और उसके कर्मचारियों को धोखा देने की साजिश रची थी। इस उद्देश्य के लिए एनएसई की साइबर कमजोरियों का अध्ययन करने की आड़ में एनएसई के कर्मचारियों के फोन कॉल्स को अवैध रूप से इंटरसेप्ट करने के लिए आईएसईसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को लगाया।

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कोर्ट से जमानत की मांग करते हुए रामकृष्णा ने तर्क दिया था कि उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है और आरोप भी Money Laundering Act   के दायरे में नहीं आते हैं। रामकृष्णा को 2009 में संयुक्त एमडी एनएसई के रूप में नियुक्त किया गया था और वो 31 मार्च, 2013 तक पद पर बनी रहीं। उन्हें 1 अप्रैल, 2013 को एमडी और सीईओ के रूप में पदोन्नत किया गया। एनएसई में उनका कार्यकाल दिसंबर 2016 में समाप्त हुआ था।

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