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फॉक्सकॉन-वेदांता के अलग होने से चिप बनाने के लक्ष्य पर क्या पड़ेगा प्रभाव, बता रही है मोदी सरकार

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ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन ने सोमवार को भारतीय कंपनी वेदांता लिमिटेड के साथ 19.5 अरब डॉलर वाले सेमीकंडक्टर ज्वाइंट वेंचर से हटने का ऐलान किया तो रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि फॉक्सकॉन और वेदांता दोनों कंपनियां भारत के सेमीकंडक्टर मिशन और मेक इन इंडिया कार्यक्रम के लिए प्रतिबद्ध हैं। जबकि, राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि फॉक्सकॉन की घोषणा का भारत के सेमीकंडक्टर लक्ष्य पर असर नहीं होगा।

वेदांता को लगा बड़ा झटका, चिप बनाने वाली JV कंपनी ने बाहर हुई फॉक्सकॉन

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग के संयुक्त उद्यम यानी ज्वाइंट वेंचर से फॉक्सकॉन के अलग होने की घोषणा पर सोमवार को कहा कि इसका देश में चिप बनाने के लक्ष्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन ने वेदांता के साथ संयुक्त उद्यम से खुद को अलग करने की घोषणा की है। इस उद्यम को गुजरात में 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश से सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र लगाना था। चंद्रशेखर ने फॉक्सकॉन के ऐलान पर एक ट्वीट में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘ वेदांता के साथ संयुक्त उद्यम से अलग होने की फॉक्सकॉन की घोषणा का भारत के सेमीकंडक्टर विनिर्माण लक्ष्य पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार का यह काम नहीं है कि निजी क्षेत्र की दो कंपनियों ने किस वजह से साझेदारी की या नहीं की। लेकिन सरल अर्थों में इसका मतलब है कि दोनों कंपनियां भारत में अलग-अलग अपनी रणनीतियों पर चलेंगी।’

दोनों कंपनियों का भारत में खासा निवेश

चंद्रशेखर ने कहा कि वेदांता और फॉक्सकॉन दोनों का ही भारत में खासा निवेश है और वे रोजगार देने एवं वृद्धि के मामले में मूल्यवान निवेशक हैं। उन्होंने कहा, ‘यह बात अच्छी तरह पता थी कि दोनों ही कंपनियों के पास पहले से सेमीकंडक्टर का अनुभव या प्रौद्योगिकी नहीं थी। उनसे यह विनिर्माण प्रौद्योगिकी किसी प्रौद्योगिकी साझेदार से लेने की उम्मीद थी। उनके संयुक्त उद्यम ने 28 एनएम चिप के लिए प्रस्ताव दिया था, लेकिन वे उसके लिए समुचित प्रौद्योगिकी साझेदार नहीं खोज पाए।’

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