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बीते दो महीने के पैटर्न को देखें तो कंपनियों पर प्रमोटर्स का भरोसा बढ़ा है। इस दौरान लगभग 100 कंपनियों के प्रमोटर्स ने ओपन मार्केट के जरिए सामूहिक रूप से 3,600 करोड़ रुपये के शेयर हासिल किए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, शीर्ष खरीदारी में प्राइवेट सेक्टर का एचडीएफसी बैंक है। बैंक ने एचडीएफसी लाइफ में 2,508 करोड़ रुपये के 3.75 करोड़ शेयर खरीदे। इसके अलावा अडानी समूह के प्रमोटरों ने अपनी प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी पावर में 382 करोड़ रुपये के 15 लाख शेयर ओपन मार्केट से खरीदे हैं।
मिलते हैं पॉजिटिव संकेत
प्रमोटर्स द्वारा अपनी कंपनियों के शेयर खरीदना पॉजिटिव माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि प्रमोटर्स को अपनी कंपनियों की संभावनाओं के बारे में सबसे अच्छी जानकारी होती है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के नियम के तहत एक प्रमोटर ओपन मार्केट से एक वित्तीय वर्ष में अपनी कंपनी की 5% तक इक्विटी खरीद सकता है।
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बेचने वाले भी कम नहीं
इस बीच, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जेरोधा के निखिल कामथ ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक आंकड़ा जारी किया है। इसके मुताबिक भारत में 2023 में प्रमोटर की शेयर बिक्री 2018 की तुलना में चार गुना और 2022 की तुलना में दोगुनी रही है। कामथ की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक साल 2023 के अगस्त तक प्रमोटर के शेयर की बिक्री 80,754 करोड़ रुपये रही। यह साल 2018 के स्तर (19,258 करोड़ रुपये) की तुलना में चार गुना अधिक है। वहीं, साल 2022 (41,020 करोड़ रुपये) की तुलना में करीब दोगुनी है।
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आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2023 में किसी विशेष कैलेंडर वर्ष में सबसे अधिक प्रमोटर की बिक्री देखी गई है। साल 2023 में प्रमोटर की शेयर बिक्री का स्तर औसत मार्केट कैप का 0.3% है, जबकि 2018 में यह 0.13% था। बता दें कि प्रमोटर उन लोगों या निवेश संस्था को कहा जाता है जो कंपनी को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित करते हैं।