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पिछेल कुछ साल अडानी ग्रुप (Adani Group) के लिए शानदार रहे थे। कंपनी एक के बाद एक सेक्टर में धड़ल्ले से कदम बढ़ा रही थी। ग्रुप के मुखिया गौतम अडानी (gautan Adani) की नेट वर्थ दिन-दोगुना और रात चौगुनी की कहावत को सही साबित कर रहे थे। नया साल अडानी ग्रुप के लिए कई योजनाओं को पूरा करने का साल है। इसी वजह से कंपनी ने एफपीओ के जरिए पैसा जुटाने का फैसला किया। 25 जनवरी को अडानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ एंकर निवेशकों के लिए ओपन हुआ। लेकिन उससे एक दिन पहले हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट सामने आई। जिसके बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों का साथ निवेशक छोड़ने लगे और शेयर बाजार में अडानी ग्रुप की कंपनियों के स्टॉक धाराशायी हो गए। यहां तक की समूह को अपना एफपीओ भी वापस लेना पड़ा। लेकिन इस मुश्किल दौर में अडानी ग्रुप लगातार फंड्स जुटाने के लिए प्रयासरत है। अब खबर है कि समूह प्राइवेट बॉन्ड जारी कर सकता है।
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इस पूरे मसले पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स की माने तो अडानी ग्रुप 3 कंपनियों का प्राइवेट बॉन्ड जारी कर सकता है। अडानी ग्रुप अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशन इकोनॉमिक जोन लिमिटेड के प्राइवेट बॉन्ड के जरिए 1.5 अरब डॉलर का फंड जुटाना चाहती है। इस पूरे मामले पर नजर रखने वाले व्यक्ति के अनुसार ग्रुप के ये बॉन्ड 20 सालों में मैच्योर होंगे। और इसकी पहली डील अप्रैल से मई के बीच हो सकती है। हालांकि अडानी ग्रुप की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
यस बैंक पर इस फंड का बढ़ा भरोसा, छोटे निवेशक क्या करें?
कंपनियों के पास पैसा जुटाने का कई तरीका होता है। इन्हीं में से एक तरीका बॉन्ड भी है। उदाहरण के लिए समझें अगर मान लिजिए एक कंपनी A है। इस कंपनी को 1000 रुपये की जरूरत है। ऐसे में कंपनी 10-10 रुपये के 100 बॉन्ड जारी करेगी। क्योंकि इस पर एक निश्चित रिटर्न मिलेगा, इसलिए छोटे से लेकर बड़े तक हर कोई निवेशक कंपनी के बॉन्ड खरीद सकता है। एक तरफ जहां इससे कंपनी को पैसा मिल जाता है तो वहीं निवेशकों को निश्चित रिटर्न मिल जाता है।