पिज्जा की तरह पिज्जा टॉपिंग पर भी GST (वस्तु और सेवा कर) लगाया जा सकता है। दरअसल, हरियाणा अपीलेट अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएएआर) ने एक फैसले में कहा है कि इसे अलग से देखने की जरूरत है। ये पिज्जा नहीं है, ऐसे में इस पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया जाना चाहिए। हालांकि, इसके टैक्सेशन में कई तरह की दिक्कतें आने की आशंका भी जाहिर की जा रही है।
क्या है तर्क: एएएआर के मुताबिक पिज्जा टॉपिंग को बनाने का तरीका पिज्जा से अलग है। टॉपिंग में कई तरह की सामग्रियों का इस्तेमाल होता है। मसलन, पिज्जा टॉपिंग में वेजिटेबल फैट एक अहम हिस्सा है। कहने का मतलब ये है कि ये पिज्जा के मुकाबले ज्यादा मैटेरियल के साथ उपलब्ध है, ऐसे में 18 फीसदी का टैक्स लगना चाहिए। एएएआर का कहना है कि पिज्जा टॉपिंग को ‘फूड प्रिपरेशन’ के रूप में वर्गीकृत किए जाने की जरूरत है।
बढ़ सकती है कीमत: एक्सपर्ट के मुताबिक अमल में आने की स्थिति में पिज्जा को लेकर एक कन्फ्यूजन बना रहेगा। उदाहरण के लिए रेस्टोरेंट या पिज्जा कंपनियों को पिज्जा टॉपिंग्स खरीदने के लिए 18 फीसदी जीएसटी देना होगा और वह जब ग्राहक को पिज्जा बेचने जाएंगे तो सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी ही वसूल सकेंगे। इससे मार्जिन पर असर पड़ सकता है। ऐसे में पिज्जा कंपनियां कीमतों में बढ़ोतरी कर इस मार्जिन की कमी को दूर कर सकती हैं।
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आपको बता दें कि रेस्टोरेंट में जो पिज्जा बेचे या खाए जाते हैं, उस पर जीएसटी की दर 5 फीसदी है। वहीं, जब ये घर पर डिलीवरी होता है तो जीएसटी की दर बढ़कर 18 फीसदी हो जाती है। इसी तरह, अलग से खरीदे गए पिज्जा बेस पर जीएसटी रेट 12 फीसदी लगता है।