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पिछले साल रूष-यूक्रेन संकट और दुनियाभर में महंगाई की मार के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों को निराश नहीं किया। वर्ष 2022 में घरेलू शेयर बाजारों का प्रदर्शन अच्छा रहा और निवेशकों की पूंजी 16.38 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई। इसके अलावा निवेशकों को मालामाल करने में भारतीय बाजार दुनिया में दूसरे स्थान पर रहा। हालांकि, 20220 और 2021 के मुकाबले भारतीय निवेशकों को कम मुनाफा हासिल हुआ।
दुनिया के दिग्गज बाजार धाराशायी
विश्लेषकों का कहना है कि जब 2022 में दुनिया के दिग्गज बाजार धाराशायी हुए उस दौर में सेंसेक्स में 4.4 फीसदी मुनाफा कम नहीं कहा जा सकता है। पिछले साल हांगसेंग, संघाई कंपोजिट और डीएएक्स में 10 फीसदी से अधिक गिरावट आई।
वहीं एसएंडपी 500 में 19.44 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। विश्लेषकों ने इस अच्छे प्रदर्शन के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के बेहतर वृहद-आर्थिक बुनियादी पहलुओं, खुदरा निवेशकों के भरोसे और विदेशी निवेशकों के फिर से खरीदारी करने जैसे कारकों को जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है कि इन वजहों से ही भारतीय बाजारों ने वर्ष 2022 में दुनिया के अन्य बाजारों की तुलना में कहीं बेहतर प्रदर्शन दिखाया है।
मुनाफा देने में सेंसेक्स दूसरे स्थान पर
महंगाई ने फीका किया रिटर्न
भारतीय बाजार ने पिछले साल भले ही निवेशकों को करीब साढ़े चार फीसदी रिटर्न दिया हो। लेकिन महंगाई की वजह से निवेशकों को इसका लाभ मिलने की बजाय नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले साल खुदरा महंगाई औसतन 6.79 फीसदी रही। जबकि सेंसेक्स ने 4.4 फीसदी का रिटर्न दिया। इस तरह वास्तविक रूप से निवेशकों को 2.35 फीसदी का नुकसान हुआ है। वास्तविक रिटर्न की गणना महंगाई दर को घटाकर की जाती है।
पिछले साल बाजार ने किया था मालामाल
नए साल में बजट से तय होगी चाल
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि दिसंबर में नुकसान में रहने के बाद शेयर बाजार नए साल की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ करना चाहेंगे। तीसरी तिमाही के कंपनियों के नतीजे और एक फरवरी को आने वाला बजट बाजारों के लिए तेजी का नया झोंका हो सकता है। विशेषज्ञों का हालांकि, यह भी कहना है कि कोरोना के नए वेरिएंट के तेज प्रसार का असर भी नए साल में बाजार पर देखने को मिल सकता है।
खुदरा निवेशकों का दबदबा रहा
रूष-यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत के बाद भारत समेत दुनिया के बाजारों में कोहराम मच गया। जब रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला बोला तो बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 2,702 अंकों की भारी गिरावट के साथ धराशायी हो गया था। इसके बावजूद खुदरा निवेशकों ने लगातार खरीदारी रखी। विशेषज्ञों का कहना है कि खुदरा निवेशकों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अपना पूरा भरोसा दिखाया और यहां तक कि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भी साल के दूसरे हिस्से में फिर से निवेश करना शुरू कर दिया।