HomeShare Marketनहीं बता सकते उड़ान की डेडलाइन...Go First ने DGCA को बताई मजबूरी

नहीं बता सकते उड़ान की डेडलाइन…Go First ने DGCA को बताई मजबूरी

ऐप पर पढ़ें

प्राइवेट सेक्टर की एयरलाइन गो फर्स्ट ने विमानन नियामक डीजीसीए को बताया है कि दोबारा उड़ान सेवाएं शुरू करने के लिए कोई निश्चित डेडलाइन नहीं है। बीते 3 मई से गो फर्स्ट की उड़ान सेवाएं ठप पड़ी हैं। एयरलाइन के अचानक इस फैसले पर डीजीसीए ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसी नोटिस के जवाब में गो फर्स्ट ने निश्चित डेडलाइन बताने से इनकार किया है। बता दें कि गो फर्स्ट स्वैच्छिक दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही है। सोमवार को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने गो फर्स्ट के खिलाफ दिवाला समाधान की कार्यवाही को बरकरार रखा था।

सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल
इस बीच, गो फर्स्ट के निलंबित निदेशक मंडल ने विमान लीज पर देने वाली वाली 4 कंपनियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कैविएट दाखिल किया। कैविएट याचिका दाखिल करने का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि उनकी बातों को सुने बिना उनके खिलाफ कोई आदेश पारित नहीं किया जाए। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के मुताबिक निलंबित निदेशक मंडल के चेयरमैन वरुण बेरी ने चार कैविएट आवेदन दाखिल की हैं।

लीज पर विमान देने वाली कंपनियों में- एसएमबीसी एविएशन कैपिटल लि., जीवाई एविएशन, एसएफवी एयरक्राफ्ट होल्डिंग्स और इंजन लीजिंग फाइनेंस बी वी (ईएलएफसी) शामिल हैं। इन कंपनियों के संकट में फंसी कंपनी के पास करीब 22 विमान हैं।

 नौकरीपेशा लोगों के लिए आ गया ITR फॉर्म, ओल्ड या न्यू टैक्स, क्या है बेहतर, जानिए

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण के सोमवार को जारी आदेश के खिलाफ कैविएट दाखिल किये गये हैं। इसमें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की दिल्ली पीठ के 10 मई को पारित आदेश को बरकरार रखा गया है। बेरी वाडिया समूह की दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली इकाई ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक भी हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular