Market Review: आज वित्त वर्ष के आखिरी दिन सोना, शेयर और चांदी, सभी चढ़ रहे हैं। सेंसेक्स दोपहर तक 850 अंकों से अधिक की छलांग लगा चुका है और सर्राफा बाजारों में सोना नया इतिहास रच चुका है। चांदी भी 71000 के पार चली गई है। सोना आज 59715 रुपये का नया ऑल टाइम हाई बना चुका है। ऐसे में कल यानी एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आप अपने पोर्टफोलियो में किसे शामिल करना चाहेंगे, सोना-चांदी या शेयर? आइए एक्सपर्ट से जानें कि बुलियन और इक्विटी मार्केट की चाल आगे कैसी रह सकती है?
वित्त वर्ष 2022-23 में कैसी रही सोने-चांदी और निफ्टी की चाल
अजय केडिया ने बताया कि आज सुबह तक के ट्रेड पर आधारित आंकड़ों पर नजर डालें तो इस वित्त वर्ष में निफ्टी 50 ने केवल 2.87 फीसद का रिटर्न दिया है। इसके विपरित सोना 18 फीसद से अधिक की छलांग लगा चुका है। इस अवधि में चांदी ने भी सोने के साथ कदमताल करते हुए करीब 10 फीसद का रिटर्न दिया है।
केडिया के मुताबिक मार्च 2022 में निफ्टी करीब 4 फीसद ऊपर 17464.75 के स्तर पर था। इसके बाद अप्रैल, मई, जून में लगातार नीचे की ओर लुढ़का और 15780.25 तक आ गया। इसके बाद निफ्टी जुलाई में 8.73 फीसद की उड़ान भर कर 17158.25 के स्तर पर पहुंचने में कामयाब हुआ। इस अवधि में सोने-चांदी डगमगा गए। अगस्त में भी निफ्टी 3.50 फीसद चढ़ा और सोना करीब दो फीसद गिर गया। चांदी में करीब नौ फीसद की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। सितंबर चांदी के लिए अच्छा साबित हुआ और इसमें करीब 7 फीसद की उछल दर्ज की गई। वहीं, सोना मामूली रूप से गिर गया। निफ्टी भी 3.74 फीसद लुढ़का।
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अक्टूबर में निफ्टी 5.37 फीसद उछल कर 18012.20 पर पहुंच गया और सोना केवल 0.26 फीसद ही चढ़ा। चांदी में बढ़त 1.44 फीसद की रही। नवंबर सोना-चांदी और शेयर के लिए शानदार रहा। निफ्टी 4.14 फीसद उछला, चांदी ने 10.03 फीसद की उड़ान भरी और सोने ने 5.18 फीसद की छलांग लगाई। इसके बाद से इक्विटी मार्केट पर दबाव और बुलियन में चमक देखने को मिली।
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केडिया कैपिटल्स के डारेक्टर अजय केडिया ने लाइव हिन्दुस्तान को बताया कि आने वाले वित्तीय वर्ष में इक्विटी बाजारों में कमजोरी की आशंका है। क्योंकि, घरेलू कारक जैसे चुनाव, मुद्रास्फीति और वैश्विक चिंताएं जैसे मंदी और ट्रेड वार निवेशक की भावनाओं पर बोझ डालते हैं। वहीं, सर्राफा बाजार सोने के लिए 10-12 फीसद और चांदी के लिए 30 फीसद के उच्च रिटर्न की पेशकश कर सकते हैं, क्योंकि इन संपत्तियों को अनिश्चितता और संकट के समय सुरक्षित आश्रय माना जाता है। इसके अलावा केंद्रीय बैंक की खरीद और औद्योगिक मांग से कीमती धातुओं की कीमतों को समर्थन मिल सकता है।
(डिस्क्लेमर: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं, लाइव हिन्दुस्तान के नहीं। यहां सिर्फ परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)