रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनियाभर समेत भारत में बढ़ रही कमोडिटी की कीमतों को देखते हुए रिजर्व बैंक ने बड़ा फैसला लिया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को ब्याज दरों में करीब पौने चार साल बाद इजाफा कर दिया है। रिजर्व बैंक गवर्नर ने बताया कि रेपो रेट में तत्काल प्रभाव से 0.4 फीसदी की बढ़त की गई है वहीं कैश रिजर्व रेश्यो यानी सीआरआर में आधा फीसदी की बढ़त कर दी गई है। यह बढ़त 21 मई से प्रभावी होगी।
कर्ज पर ईएमआई बढ़ जाएगी
जानकारों की राय में आरबीआई के इस कदम के बाद तमाम तरह के कर्ज पर ईएमआई बढ़ जाएगी। रिजर्व बैंक ने यह कदम मुख्य तौर पर बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए उठाया है। खुदरा महंगाी दर पिछले तीन महीने से लगातार छह फीसदी के ऊपर बनी हुई थी जो आबीआई के लक्षित सीमा के ऊपर थी।
बढ़ सकते हैं दूध-तेल के दाम, महंगाई अभी और सताएगी
आरबीआई के जिम्मे महंगाई दर को चार फीसदी के आप-पास, जिसमें दो फीसदी की कमी या इजाफा हो सकता, बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक रुख अब भी नरम है और महामारी के दौरान किए गए उपायों को सोच-विचार कर वापस लिया जाएगा। उनके मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था बाहरी झटकों का सामना करने में पहले से बेहतर स्थिति में है।
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अचानक क्यों उठाना पड़ा यह कदम
महंगाई को तय सीमा से आगे जाते देख आरबीआई को यह कदम उठाना पड़ा है। इस बैठक में महंगाई की स्थिति पर चर्चा की गई साथ ही महंगाई को लक्ष्य के दायरे के भीतर रखने के लिए उदार रुख को धीरे-धीरे वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला लिया गया। साथ ही रूस-यू्क्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से पैदा हुआ वैश्विक स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में आ रही अस्थिरता की वजह से देश में भी असर दिखना शुरू हो गया है।
सबकी ईएमआई बढ़ जाएगी
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने यह फैसला बिना किसी तय कार्यक्रम के दो और चार मई को आयोजित बैठक में लिए हैं। इस फैसले से अगस्त 2018 के बाद पहली बार नीतिगत दरों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस फैसले के बाद न सिर्फ कॉरपोरेट बल्कि आम लोगों के लिए उधार की लागत बढ़ेगी। इससे आवास, कार, और व्यक्तिगत कर्ज समेत सभी तरह के कर्ज की ईएमआई बढ़ जाएगी।
इतनी बढ़ जाएगी ईएमआई
लोन की राशि 30 लाख रुपये
अवधि 20 वर्ष
मौजूदा ब्याज दर 6.8 प्रतिशत
मौजूदा मासिक किस्त 22,900 रुपये
नई ब्याज दर 7.2 प्रतिशत
नई मासिक किस्त 23,620 रुपये
किस्त में वृद्धि 720 रुपये
(एसबीआई के टर्म लोन के आधार पर गणना)
कई बैंक पहले ही बढ़ा चुके हैं दरें
आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाने के पहले ही आवास ऋण देने वाली एचडीएफसी समेत कई बैंक ब्याज दरों में पहले ही इजाफा कर चुके थे। बैंकों द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि को आने वाले समय में आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा में दरें बढ़ाने के संकेत के रूप में देखा जा रहा था। लेकिन केन्द्रीय बैंक ने समय से पहले ही रेपो रेट बढ़ाकर आम और खास सबको चौंका दिया।
इन क्षेत्रों पर पड़ेगा असर
रेपो दर बढ़ने से वाहन, रियल एस्टेट, कंज्यूमर गुड्स जिसमें टीवी, वाशिंग मशीन, एसी, फ्रिज और घरेलू उपकरण शामिल हैं उनपर नकारात्मक असर पड़ेगा। उपभोक्ताओं पर दोहरा असर होगा। कंपनियां लागत बढ़ने से कीमत बढ़ाएंगी जिसका बोझ उपभोक्ताओं पर डालेंगी। वहीं खरीदारी करने के लिए महंगा कर्ज चुकाना होगा। दूसरी तरफ बैंकों को सीआरआर में आधा फीसदी वृद्धि की भरपाई करने के लिए बाजार पूंजी उठानी होगी जिसके चलते एफडी पर ब्याज में बढ़ोत्तरी हो सकती है।