Dollar Vs Rupee: भारतीय रुपये में लगातार गिरावट देखी जा रही है। बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया रिकॉर्ड निचले लेवल के करीब पहुंच गया। रुपया पिछले सत्र में 82.36 से नीचे गिरकर 82.7750 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। इससे पहले आज शुरुआती कारोबार के दौरान रुपये को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले छह पैसे मजबूत कर 82.34 के भाव पर पहुंच गया था।
अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.32 प्रति डॉलर के भाव पर मजबूती के साथ खुला था। हालांकि, बाद में यह कमजोर होकर 82.34 पर आ गया। इस तरह शुरुआती कारोबार में यह पिछले भाव के मुकाबले छह पैसा मजबूत रहा। पिछले कारोबारी दिवस पर रुपया 10 पैसे की गिरावट के साथ 82.40 के भाव पर बंद हुआ था।
आम आदमी पर पड़ेगा असर
बता दें कि भारत जरूरी इलेक्ट्रिक सामान और मशीनरी समेत कई दवाओं का भारी मात्रा में आयात करता है। अधिकतर मोबाइल और गैजेट का आयात चीन और अन्य पूर्वी एशिया के शहरों से होता है। अगर रुपये में इसी तरह गिरावट जारी रही तो आयात महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा खर्च करना होगा।
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रसोई के बजट पर असर
भारत 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। कच्चा तेल महंगा होने से पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ेगी। इससे माल ढुलाई महंगी हो जाती है। ऐसे में रुपये के कमजोर होने से रसोई से लेकर घर में उपयोग होने वाले रोजमर्रा के सामान के दाम बढ़ सकते हैं जिससे आपकी जेब हल्की होगी। साथ ही पेट्रोल-डीजल महंगा होने से किराया भी बढ़ सकता है जिससे कहीं आना-जाना महंगा हो सकता है। भारत खाद्य तेल का 60 फीसदी आयात करता है। इसकी खरीद डॉलर में होती है। ऐसे में रुपये के कमजोर होने से खाद्य तेलों के दाम घरेलू बाजार में बढ़ सकते हैं।