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डीजल के निर्यात पर सरकार ने फिर लगाया ये टैक्स, समझें- क्या हैं मायने

सरकार ने डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ कर (Windfall Tax) में वृद्धि करने की घोषणा की। इसके अलावा घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर भी शुल्क को बढ़ा दिया गया। 

अब डीजल के निर्यात पर लगने वाला Windfall Tax, 12 रुपये प्रति लीटर हो गया है जबकि एटीएफ पर अब 3.50 रुपये प्रति लीटर टैक्स लगेगा। वहीं घरेलू स्तर पर निकाले गए कच्चे तेल पर शुल्क को 3,000 रुपये तक बढ़ाकर 11,000 रुपये प्रति टन करने की घोषणा की गई। नई दरें रविवार से लागू हो जाएंगी।

इसके पहले लगातार दो पखवाड़ों में Windfall Tax में कटौती की गई थी लेकिन वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में हाल में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए इस बार कच्चे तेल, डीजल और एटीएफ पर शुल्क बढ़ाने का फैसला किया गया।

डीजल के निर्यात पर लगने वाले Windfall Tax को 6.5 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति लीटर करने का फैसला किया गया। वहीं एटीएफ निर्यात पर लगने वाले इस टैक्स को शून्य से बढ़ाकर 3.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया।

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निजी रिफाइनरी कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी देश से डीजल और एटीएफ के प्रमुख निर्यातकों में शामिल हैं जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी एवं निजी क्षेत्र की वेदांता लिमिटेड घरेलू स्तर पर कच्चे तेल का उत्पादन करती हैं।

पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर Windfall Tax सबसे पहले एक जुलाई 2022 को लगाया गया था। लेकिन उसके बाद कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट होने पर इसमें कटौती की गई थी।

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