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अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल के मालिकाना हक वाली कंपनी वेदांता लिमिटेड ने हाल में हर शेयर पर 1850 पर्सेंट डिविडेंड देने का ऐलान किया है। अब वेदांता ग्रुप ने करीब 850 मिलियन डॉलर का नया लोन जुटाया है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया है कि वेदांता ग्रुप ने जेपी मॉर्गन और ओकट्री के साथ 5 साल की डील की है। वेदांता ग्रुप अपना कर्ज घटाने के लिए लगातार फंड्स जुटाने की कोशिश कर रहा है।
वेदांता को तत्काल चुकाने हैं 500 मिलियन डॉलर
वेदांता रिसोर्सेज को 500 मिलियन डॉलर के बॉन्ड्स को रिपेमेंट करना है और लोन का यह ट्रांजैक्शन ठीक उसके कुछ दिन पहले ही हुआ है। इसके अलावा, वेदांता ग्रुप को साल 2024 में 2 बिलियन डॉलर के यूएस करेंसी बॉन्ड्स का पेमेंट करना है। वेदांता रिसोर्सेज, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को जिंक माइनिंग यूनिट बेचकर 3 बिलियन डॉलर जुटाना चाहता था, लेकिन इसमें अड़चन आ गई है और अब ग्रुप फंड जुटाने के दूसरे रास्ते तलाश रहा है।
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डिविडेंड बना ग्रुप के लिए बड़ा सहारा
लंदन बेस्ड पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज के लिए भारतीय इकाइयों से मिलने वाला तगड़ा डिविडेंड बड़ा सहारा है। वेदांता लिमिटेड ने पिछले फाइनेंशियल ईयर में करीब 4.6 बिलियन डॉलर का डिविडेंड दिया है। वेदांता लिमिटेड (Vedanta Limited) ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने पहले डिविडेंड का ऐलान किया है। कंपनी हर शेयर पर 18.50 रुपये का डिविडेंड दे रही है। यानी, कंपनी डिविडेंड के रूप में 68.8 अरब रुपये का भुगतान करेगी।
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डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।