डिजिटल बैंकिंग यूनिट (DBU) सेवा कागजी, लिखा-पढ़ी और अन्य झंझटों से मुक्त होगी। इन यूनिट्स पर डिजिटल बैंकिंग सेवाएं (Digital Banking Service) पहले से ज्यादा आसान होंगी। यहां पैसों के लेन-देन से लेकर शिकायतों के निपटारे तक, कुल 17 तरह की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
डीबीयू क्या है
बेहद कम इंफ्रास्ट्रक्चर पर अधिक से अधिक डिजिटल सुविधाएं लोगों के लिए उपलब्ध होंगी। यहां बैंक ग्राहकों के लिए डिजिटल लेनदेन करना सुरक्षित होगा। बैंकों को टियर 1 से टियर 6 केंद्रों में डीबीयू खोलने की अनुमति है, जब तक कि किसी विशेष कारण से प्रतिबंधित न हो। आर्थिक साक्षरता को बढ़ाने में मदद करेंगे। ये बैंकिंग के डिजिटल तौर-तरीकों को बढ़ावा देंगे और ग्राहकों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में भी मदद करेंगे।
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कितने बैंकों की सेवाएं मिलेंगी
रिजर्व बैंक ने इस साल अप्रैल में डीबीयू के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। बताया था कि यह यूनिट पूरी तरह आरबीआई की गाइडलाइन के आधार पर ही संचालित होगी। पहले चरण में 11 सरकारी और 12 निजी बैंक एवं एक स्मॉल फाइनेंस बैंक डीबीयू यूनिट खोल रहे हैं। इन कमर्शियल बैंकों के पिछले डिजिटल बैंकिंग रिकॉर्ड और अनुभव को देखते हुए डीबीयू खोलने की अनुमति दी गई है।
आपको कैसे होगा फायदा
ऐसे लोग जिनके पास अपना कंप्यूटर, लैपटॉप या स्मार्टफोन नहीं है, उनके लिए डिजिटल बैंकिंग यूनिट काफी मददगार साबित होगी। ऐसे लोगों को बैंक में किसी भी काम के लिए लाइन लगाने या घंटों इंतजार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बैंकिंग यूनिट में जाकर वो डिजिटल माध्यम से अपना काम खुद कर सकेंगे। यहां इंटरनेट सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।अहम बातें
ये सुविधाएं मिलेंगी
10 सालों में दोगुने से अधिक हुए बैंक अकाउंट
भारत में पिछले 10 सालों में बैंक खातों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 2011 में भारत में 35.23 फीसदी लोगों के पास ही बैंक खाते थे, जो 2021 में बढ़कर 77.53 फीसदी हो गया है। इन दस सालों में लगातार बैंक अकाउंट की संख्या में वृद्धि हुई है।
वर्ष बैंक खाते प्रतिशत
2011 35.23
2014 53.14
2017 79.88
2021 77.53
दुनिया में डिजिटल बैंकरों में ब्राजील टॉप पर
अर्थव्यवस्था को क्या फायदा
बैंक अब भारत के ऐसे कोनों में पहुंचेंगे जहां ब्रांच स्थापित करना मुश्किल था। इससे ज्यादा ग्राहकों को सेवाएं दे पाना संभव होगा। बैंक अपना बिजनेस बढ़ा सकेंगे।