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ट्रेडिंग के बदले नियम, अमाउंट ब्लॉक के साथ ब्याज की भी सुविधा, कैसे पड़ेगा असर, समझें

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शेयर बाजार को रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी ने सेकेंड्री मार्केट की ट्रेडिंग के नियम में बड़ा बदलाव किया है। अब निवेशक सेकेंड्री मार्केट में भी ट्रेडिंग के दौरान अमाउंट ब्लॉक कर सकेंगे। अहम बात है कि जब तक अमाउंट ब्लॉक रहेगा, उस पर ब्याज भी मिलेगा। यह पहली बार है जब सेकेंड्री मार्केट में सेबी ने ब्लॉक अमाउंट पर ब्याज देने के फैसले को मंजूरी दी है। जानकारी के लिए बता दें कि यह सुविधा अभी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए है। 

क्या है यह सुविधा: जब आप आईपीओ के लिए दांव लगाते हैं तो आपका अमाउंट तब तक ब्लॉक रहता है जब तक कि अलॉटमेंट की स्थिति साफ ना हो जाए। अगर आईपीओ आपको अलॉट होता है तो ब्लॉक अमाउंट आपके बैंक अकाउंट से कट जाता है। वहीं, अलॉटमेंट नहीं होने की स्थिति में यह अमाउंट आपके बैंक अकाउंट में दिखने लगता है। 

सेकेंड्री मार्केट क्या है: शेयर बाजार में पहले से उपलब्ध शेयर की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया सेकेंड्री मार्केट में होती है। आसान भाषा में समझें तो बीएसई और एनएसई में जो कंपनियां लिस्टेड हैं, उनके शेयरों की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया सेकेंड्री मार्केट की ट्रेडिंग कहलाती है। यह ट्रेडिंग आप डायरेक्ट नहीं कर सकते हैं। इसके लिए आपको ब्रोकर का सहारा लेना पड़ता है। अब इस तरह के मार्केट में ट्रेडिंग पर अमाउंट ब्लॉक की सुविधा दी गई है। इस सुविधा को ASBA (एप्लिकेशन सपोर्टेड बाई ब्लॉक्ड एमाउंट) भी कहा जाता है।

मकसद क्या है: इस पहल का मकसद निवेशकों के पैसे को शेयर ब्रोकरों के दुरुपयोग से सुरक्षित रखना है। सेबी के निदेशक मंडल ने बुधवार को हुई बैठक में शेयर बाजार में उपलब्ध शेयरों की खरीद-बिक्री को लेकर निवेशकों के लिये खाते में ‘ब्लॉक’ राशि के साथ आवेदन ASBA की सुविधा शुरू करने का निर्णय किया। हालांकि, प्रस्तावित सुविधा निवेशकों के साथ-साथ शेयर ब्रोकरों के लिए वैकल्पिक होगी। नई सुविधा के साथ ग्राहक बचत खाते में अपने ‘ब्लॉक’ राशि पर तब तक ब्याज प्राप्त कर सकेंगे, जबतक कि राशि निकल नहीं जाती। 

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