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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 15 बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) को अतिरिक्त नियामकीय व्यवस्था के अधीन रखने का फैसला लिया है। इस सूची में टाटा के अलावा एलआईसी और बजाज जैसी बड़ी कंपनियों के NBFC शामिल हैं। केंद्रीय रिजर्व बैंक ने NBFCs को अलग-अलग स्तर में बांटा है। ये स्तर हैं-बेस लेयर (NBFC-BL), मिडिल लेयर (NBFC-ML), अपर लेयर (NBFC-UL) और टॉप लेयर (NBFC-TL)
कौन-कौन सी कंपनियां शामिल
अपर लेयर में आने वाली 15 शीर्ष NBFC की सूची जारी की गई है। एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, बजाज फाइनेंस, श्रीराम फाइनेंस, टाटा संस के अलावा सूची में अन्य NBFC में एलएंडटी फाइनेंस, पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी शामिल हैं। इसके अलावा, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज, टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज, आदित्य बिड़ला फाइनेंस, मुत्थूट फाइनेंस और बजाज हाउसिंग फाइनेंस भी इस सूची में शामिल हैं।
आरबीआई के मुताबिक अंक पद्धति के अनुसार NBFC-UL के रूप में पात्र होने के बावजूद टीएमएफ बिजनेस सर्विसेज लिमिटेड (पूर्व में टाटा मोटर्स फाइनेंस लिमिटेड) को वर्तमान समीक्षा में इस सूची में शामिल नहीं किया गया है। इसका कारण कंपनी में जारी कारोबार पुनर्गठन है। अपर लेयर में एनबीएफसी को उनकी संपत्ति के आकार और अंक पद्धति के अनुसार पहचानने के लिये एक निर्धारित व्यवस्था है।