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टाटा समूह (Tata Group) की टाटा कैपिटल लिमिटेड (Tata Capital Limited) शेयर बाजार में अपनी शुरुआत के साथ-साथ अपने परिचालन के पुनर्गठन और अपने बोर्ड का विस्तार करने की योजना बना रही है। लाइवमिंट की रिपोर्ट के अनुसार, टाटा कैपिटल के बोर्ड का विस्तार किया गया है और आईपीओ के लिए आवश्यक विलय की प्रक्रिया चल रही है।
क्या है डिटेल
रिपोर्ट में कंपनी के सूत्रों के हवाले से कहा गया है, “टाटा समूह 2025 में टाटा कैपिटल के लिए आईपीओ लाने का टारगेट बना रहा है। बोर्ड का विस्तार किया गया है और टाटा कैपिटल के तहत समूह की कुछ कंपनियों का विलय आईपीओ योजना के एक हिस्से के रूप में किया गया है।” कथित तौर पर समूह की नजर पिछले महीने मुकेश अंबानी की Jio फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के समान लिस्टिंग पर है।
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रिजर्व बैंक का नियम
दरअसल, रिजर्व बैंक ने टाटा संस को ‘अपर-लेयर’ एनबीएफसी (नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) के रूप में वर्गीकृत किया है। आरबीआई दिशानिर्देशों के मुताबिक ‘अपर-लेयर’ के लिए शेयर बाजार में लिस्टिंग अनिवार्य है। इसके अलावा टाटा की एक और कंपनी टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज को ‘अपर-लेयर’ एनबीएफसी में भी वर्गीकृत किया है। आरबीआई के मानदंडों के अनुसार, गैर-सूचीबद्ध ‘अपर-लेयर’ एनबीएफसी के लिए ‘अपर-लेयर’ एनबीएफसी के रूप में वर्गीकृत होने के तीन साल के भीतर सूचीबद्ध होना अनिवार्य है। टाटा कैपिटल के मामले में, समय सीमा सितंबर 2025 है।