ऐप पर पढ़ें
सार्वजनिक क्षेत्र के IDBI बैंक को बेचने की प्रक्रिया में देरी की आशंकाओं पर विराम लग गया है। दरअसल, सरकार की ओर से बताया गया है कि रणनीतिक बिक्री प्रक्रिया के तहत IDBI बैंक का विनिवेश सही रास्ते पर है। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने बैंक के विनिवेश को टालने की संभावना का संकेत देने वाली मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए यह जानकारी दी है।
DIPAM के सचिव तुहिन कांता पांडे ने ट्वीट किया-कई एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) प्राप्त होने के बाद अगले चरण की प्रक्रिया जारी है। बता दें कि सरकार और एलआईसी मिलकर IDBI बैंक में लगभग 61 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रहे हैं और जनवरी में इसके लिए कई EoI प्राप्त हुए थे।
94.72 प्रतिशत हिस्सेदारी: पिछले साल अक्टूबर में DIPAM ने बैंक में LIC की 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ-साथ IDBI बैंक में 30.48 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए EoI आमंत्रित किया था। सरकार और एलआईसी की संयुक्त रूप से IDBI बैंक में 94.72 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो रणनीतिक बिक्री के बाद घटकर 34 प्रतिशत रह जाएगी।
वर्तमान में सरकार और केंद्रीय रिजर्व बैंक, प्राप्त बोलियों की पुनरीक्षा करने की प्रक्रिया में हैं। जिन निवेशकों ने EoI डाला है, वे फिट और उचित और सुरक्षा मंजूरी को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक जानकारी पहले ही जमा कर चुके हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि अप्रैल 2023 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में लेनदेन खत्म हो जाएगा। लेनदेन के मुताबिक IDBI बैंक में सरकार की 15 प्रतिशत और LIC की 19 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जिससे उनकी कुल हिस्सेदारी 34 प्रतिशत हो जाएगी।
शेयर में उछाल: सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को बैंक का शेयर भाव 45 रुपये से ज्यादा पर था। एक दिन पहले के मुकाबले शेयर में 3 प्रतिशत तक की तेजी देखने को मिली है। मार्केट कैप की बात करें तो 49 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है।