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टमाटर के बाद अब अदरक भी नखरे दिखाने लगा है। देश के विभिन्न हिस्सों में जहां टमाटर 200 रुपये किलो तक बिक रहा है, वहीं अदरक 400 रुपये किलो तक पहुंच गया है। हरी मिर्च भी महंगाई की पिच पर शतक लगाकर 150 के ऊपर खेल ही है। इसके साथ ही जीरा और हल्दी भी आसमान छू रहे हैं। उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट पर सोमवार 3 जुलाई को सबसे महंगा टमाट 143 रुपये किलो शाहजहांपुर और हावड़ा में बिका। जबकि पुरुलिया और पुड्डुचेरी में केवल 13 रुपये किलो रहा। उधर, हरी सब्जियों ने भी मानसून में अपने तेवर तीख कर ली हैं। परवल से लेकर बैगन और भिंडी से लेकर लौकी तक 50 से 100 रुपये किलो तक बिक रहे हैं।
कई शहरों में प्याज भी 60 रुपये किलो पर पहुंचा: उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश के कई शहरों के खुदरा बाजारों में प्याज भी 60 रुपये किलो पर पहुंच गया है। सोमवार को लुंगलेई, सूर्यपेट, फेक, सीअहा में जहां 60 रुपये किलो बिका वहीं, सबसे सस्ता प्याज नीमच में 10 रुपये किलो था। आलू भी अर्ध शतक बना चुका है। कार निकोबार, चंपाही, नील गिरी में एक किलो आलू का खुदरा भाव 50 रुपये था। सबसे सस्ता आलू 8 रुपये किलो के हिसाब से बारां में था।
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हल्दी 10000 रुपये क्विंटल: फरवरी 2022 के बाद एनसीडीईएक्स पर हल्दी की कीमतें 10000 के स्तर को पार कर गईं, जो 6452 के निचले स्तर से 2 महीने के समय में लगभग 56% (3596 रुपये) की वृद्धि दर्शाती है। महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में हाल की बारिश के कारण फसल को नुकसान के कारण हल्दी की कीमतें एक सप्ताह के भीतर 7% से अधिक बढ़ गई हैं और पांच महीनों में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। केडिया कमोडिटिज के प्रसीडेंट अजय केडिया कहते हैं कि हल्दी के भाव कुछ महीनों में 11000 और 11800 के स्तर की ओर आगे बढ़ सकते हैं।