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अगर आप ने अपनी जीवन बीमा पॉलिसी पर कोई लोन लिया है और उसका रिपेमेंट अपने क्रेडिट कार्ड से करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारतीय बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने पेमेंट के साधन के रूप में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके बीमा पॉलिसी ऋणों के रिपेंट की सुविधा को बंद करने का फैसला लिया है।
आईआरडीए ने 4 मई को कहा, “प्राधिकरण ने पेमेंट के तरीके के रूप में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके बीमा पॉलिसी के अगेंस्ट लिए गए लोन के पुनर्भुगतान की सुविधा को बंद करने का निर्णय लिया है। इसके तहत सभी जीवन बीमा कंपनियों को सलाह दी जाती है कि वे तत्काल प्रभाव से बीमा पॉलिसियों के लिए दिए गए कर्जों के पुनर्भुगतान के लिए क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल की मंजूरी तुरंत प्रभाव से रोक दें।” वहीं, PFRDA ने भी अगस्त 2022 में ही घोषणा कर चुका है कि वह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) टियर- II खातों में सदस्यता और योगदान के लिए क्रेडिट कार्ड से पेमेंट लेना बंद कर देगा।
बीमा पॉलिसी पर लोन क्या है?: पॉलिसीधारक अपनी बीमा पॉलिसियों को गिरवी रखकर लोन ले सकते हैं। पर्सनल या क्रेडिट कार्ड लोन लेने के विकल्प के रूप में आप अपनी जीवन बीमा पॉलिसी से पैसा उधार ले सकते हैं।
पॉलिसी पर कितना मिलेगा लोन : आपकी पॉलिसी के सरेंडर वैल्यू से निर्धारित होती है। इस लोन पर लगाई गई ब्याज दर, साथ ही साथ ऋण चुकाने का विकल्प अलग-अलग बीमा कंपनियों के अलग-अलग होते हैं। कोटक लाइफ के मुताबिक, ‘आप हर तरह की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन नहीं ले सकते। इसलिए पॉलिसी खरीदने से पहले अपनी बीमा कंपनी से जांच करना बेहतर है, लेकिन होल लाइफ पॉलिसी, मनी-बैक पॉलिसी, बचत योजना और बंदोबस्ती योजना जैसी जीवन बीमा पॉलिसी के बदले लोन मिलना आसान है। कुछ कंपनियां यूलिप पॉलिसी के अगेंस्ट लोन भी देती हैं। ज्यादातर मामलों में आपको पॉलिसी के सरेंडर वैल्यू के 80% तक लोन दिया जाता है। एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, ‘पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू का 85 फीसदी तक लोन मिल सकता है।
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यह भी जानें: बीमा पॉलिसियों द्वारा सुरक्षित कर्जों पर ब्याज पर्सनल लोन की तुलना में काफी कम हैं। यदि लोन पर देय ब्याज सरेंडर वैल्यू से अधिक हो जाता है तो पॉलिसीधारक बीमा कवरेज खोने का जोखिम उठाता है। आपकी जीवन बीमा पॉलिसी पर लोन तभी मिलता है, जब आपने कम से कम तीन वर्षों के लिए अपने रिन्यूअल पेमेंट का भुगतान समय पर किया हो।