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जलवायु परिवर्तन की 10 घटनाओं से करोड़ों डॉलर की लगी चपत, चीन को सूखा और पाकिस्तान को बाढ़ ने किया पस्त

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वर्ष 2022 के दौरान जलवायु खतरों के कारण बाढ़, तूफान और सूखे की दस बड़ी घटनाओं से दुनिया को 168 अरब डॉलर की क्षति हुई। दुनिया की इन दस बड़ी घटनाओं में हालांकि भारत का जिक्र नहीं है, लेकिन इन दस के अलावा भी दस और महत्वपूर्ण जलवायु घटनाओं का जिक्र किया गया है, जिसमें भारत में मार्च-अप्रैल के दौरान चली हीट वेव से नुकसान का उल्लेख है। ब्रिटेन के गैर सरकारी संगठन क्रिश्चियन एड की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 के दौरान शुरू से आखिर तक जलवायु घटनाएं तबाही मचाती रहीं।

इन घटनाओं से मची तबाही साल की शुरुआत में फरवरी में यूरोप में आए एक बड़े तूफान ने बेल्जियम, जर्मनी, आयरलैंड, नीदरलैंड, पोलैंड तथा ब्रिटेन में भारी तबाही मचाई। इसमें 16 लोग मारे गए तथा 4.3 अरब डॉलर की संपत्ति का नुकसान हुआ।

इसके बाद मार्च में पूर्वी आस्ट्रेलिया में बाढ़ से मची तबाही में 7.5 अरब डॉलर की क्षति हुई। करीब 60 हजार लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े और 27 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद अप्रैल में पूर्वी केपटाउन में आई बाढ़ से तीन अरब डॉलर की क्षति हुई। 459 लोग मारे गए और 40 हजार को पलायन करना पड़ा।

जून में पाकिस्तान में बाढ़ की तबाही भी दुनिया ने देखी, जिसमें 1730 मौतें, 70 लाख लोगों का पलायन तथा 5.6 अरब डॉलर की क्षति हुई। जून-सितंबर के बीच चीन में बाढ़ से उसे 12.3 अरब डॉलर की क्षति हुई, जबकि यूरोप में पड़े सूखे से 20 अरब डॉलर की क्षति का आकलन किया गया।

पलायन भी बढ़ा

सितंबर में कनाडा में ट्रोपिकल साइक्लोन से 3 अरब डॉलर की क्षति तथा 13 हजार लोगों का पलायन हुआ। 25 लोगों की मौत हुई। उसके बाद क्यूबा एवं अमेरिका में आए ट्रोपिकल साइक्लोन की घटनाओं में 100 अरब डॉलर की क्षति हुई, जबकि 30 लोगों की मौत और 40 हजार लोग बेघर हुए। इसी प्रकार वर्ष के दौरान ब्राजील में पड़े सूखे से चार अरब डॉलर की क्षति का आकलन किया गया, जबकि चीन में पड़े सूखे से 8.4 अरब डॉलर की क्षति का आकलन किया गया है।

ब्रिटेन के गैर सरकारी संगठन क्रिश्चियन एड ने कहा कि इस अध्ययन में सिर्फ उन घटनाओं का जिक्र किया गया है, जिनसे तीन अरब डॉलर या उससे ज्यादा की क्षति हुई। रिपोर्ट में वर्ष के दौरान विश्व की दस अन्य प्रमुख जलवायु घटनाओं का भी जिक्र किया गया है, जिनमें मार्च-अप्रैल में भारत-पाकिस्तान में चली हीट वेव (लू की लहर) का जिक्र है। हालांकि, इसमें क्षति का आकलन नहीं किया किया गया है।

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