गो फर्स्ट (GoFirst( एयरलाइन के दिवालिया आवेदन की खबर के साथ तीन दिन उड़ानें रद्द होने की खबर ने इस विमान सेवा में टिकट बुक (Flight Ticket) करा चुके लोगों का काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी की सेवाएं तीन दिन बंद रहने की खबर मिलते ही यात्रियों नें दूसरी विमान सेवाओं में अपनी टिकट बुकिंग करने के प्रयास शुरू किए तो उन्हें झटका लगा। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि दूसरी विमान कंपनियां इस सकंट को भुनाने में जुट गई हैं। वे लोगों से डेढ़ से चार गुना तक किराया वसूल रही है।
किसी को रिफंड की चिंता तो …
इस उड़ानबंदी से परेशान कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी मुसीबतों को साझा किया है। किसी को जरूरी काम से जाना था तो कोई दूसरी विमान सेवा में टिकट न मिलने से परेशान था। किसी को रिफंड की चिंता थी तो कोई उड़ान रद्द होने पर मिलने वाले मुआवजे से जुड़े सवाल पूछ रहा था। कुछ यात्रियों ने बताया कि कंपनी की ग्राहक सेवा की फोन लाइन लगातार बज रही है लेकिन उसे कोई उठा नहीं रहा है। बुधवार सुबह दिल्ली हवाई अड्डे पर भी गो फर्स्ट के काउंटर एकदम खाली थे. वहां कोई स्टॉफ मौजूद नहीं था।
आगामी सप्ताहों में विमान किराये और बढ़ेंगे
लोगों के दावों के अनुसार, संकट में अवसर के रूप में दूसरी विमान कंपनियां टिकटों के दाम बढ़ा रही हैं। भारतीय ट्रैवल एजेंट संघ (टीएएआई) के मुताबिक, गो फर्स्ट द्वारा दिवाला समाधान के लिए आवेदन करना और उड़ानों को रद्द करना एयरलाइन उद्योग के लिए अच्छा नहीं है। उसने कहा है कि गो फर्स्ट के इस कदम से क्षमता घटेगी और कुछ मार्गों पर विमान किराये बढ़ेंगे। टीएएआई की अध्यक्ष ज्योति मयाल ने कहा, किंगफिशर एयरलाइंस में हमने करोड़ों रुपये गंवाए हैं। जेट एयरवेज में भी नुकसान हुआ है।
अब एक और दिवाला समाधान सामने आ गया है। अभी हवाई यात्रा की मांग है क्योंकि यह छुट्टियों का समय है और हमें उन क्षेत्रों में किराया बढ़ने की संभावना दिख रही है जहां गो फर्स्ट उड़ान भर रही है। टिकट बुकिंग पर उन्होंने कहा कि कंपनी को रद्द उड़ानों के लिए पैसा लौटाना होगा, लेकिन दिवाला समाधान की स्थिति में नियम कुछ अलग हैं।
स्पाइस जेट और इंडिगो को होगा फायदा
भारतीय ट्रैवल एजेंट संघ (टीएएआई) के मुताबिक, गो फर्स्ट रोजाना 180-185 उड़ानें भरती है और करीब 30,000 यात्री इसकी सेवा का लाभ उठाते हैं। गो फर्स्ट के घटनाक्रम के बादा स्पाइस जेट और इंडिगो को फायदा होने की पूरी संभावना है। स्पाइस जेट ने तो इस दिशा में कदम बढ़ा भी दिया है। उसने अपने 25 बेकार खड़े विमानों के फिर से रनवे पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी है।
इन विमानों को दुरुस्त कर परिचालन में लाने के लिए किफायती सेवा देने वाली एयरलाइन ने अबतक 400 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं। स्पाइसजेट ने बुधवार को बयान में कहा कि 25 विमानों के पुनरुद्धार के लिए पैसा सरकार की आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) और अन्य माध्यमों से जुटाया जाएगा। एयरलाइन के बेड़े में लगभग 80 विमान हैं। एयरलाइन 25 ठप खड़े बोइंग 737 और क्यू400 विमानों को फिर परिचालन में लाना चाहती है। वहीं इंडिगो का बाजार में सबसे ज्यादा हिस्सा है उसे इसका फायदा मिलना तय है। गुरुग्राम की क्षेत्रीय उड़ान सेवा फ्लाई बिग ने बुधवार को अमेरिकी रॉयल बंगाल होल्डिंग इंक से उड़ान योजना में भागीदारी बढ़ाने के लिए रणनीतिक निवेश के लिए करार किया है।
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कर्जदारों की सांसत
दिवालिया आवेदन करने वाली गो फर्स्ट पर वित्तीय संस्थानों की 65.21 अरब की देनदारी है। दिवालिया आवेदन के मुताबिक 30 अप्रैल तक उसने इसमें से किसी के भुगतान में कोई चूक नहीं की है। कंपनी के लेनदारों में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक, एक्सिस बैंक, ड्यूश बैंक शामिल हैं। एयरलाइन पर बैंकों, वित्तीय संस्थानों, विक्रेताओं और विमान को पट्टे पर देने वाली कंपनियों का करीब 114.63 अरब रुपया बकाया है।
एनसीएलटी में सुनवाई चार मई को
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) नकदी संकट से जूझ रही एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट की स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगी। गो फर्स्ट की दिवाला समाधान याचिका का न्यायाधिकरण की न्यायमूर्ति रामलिंगम सुधाकर की अध्यक्षता वाली दिल्ली पीठ के समक्ष उल्लेख किया गया। पीठ ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई के लिए सहमति जताते हुए इसे बृहस्पतिवार के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
कंपनी ने इंजन निर्माता पर लगाया आरोप
गो फर्स्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कौशिक खोना ने कर्मचारियों से कहा है कि प्रैट एंड व्हिटनी इंजन में बार-बार आने वाली दिक्कतों की वजह से आज एयरलाइन के समक्ष यह संकट पैदा हुआ है। उन्होंने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि एयरलाइन इस स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है और उनको लेकर चिंतित है। मंगलवार देर रात कर्मचारियों को भेजे संदेश में खोना ने कहा कि प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) द्वारा इंजन की आपूर्ति करने में विफल रहने से गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
उन्होंने कहा कि एयरलाइन प्रबंधन 12 से अधिक माह से पीएंडडब्ल्यू को अतिरिक्त इंजन उपलब्ध कराने और उनकी मरम्मत के लिए भरोसा दिलाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद पीएंडडब्ल्यू बातचीत को बाधित कर रही है। सीईओ ने कर्मचारियों को कहा, हम आपको भरोसा दिलाना चाहते हैं कि इस स्थिति से निपटने के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। हम सभी कर्मचारियों को लेकर चिंतित हैं।
इंजन निर्माता का दावा: मध्यस्थता आदेश का अनुपालन कर रहे
गो फर्स्ट द्वारा दिवाला समाधान के लिए आवेदन दायर करने के एक दिन बाद अमेरिका की इंजन विनिर्माता कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) ने बुधवार को कहा कि वह एयरलाइन के संबंध में मध्यस्थता आदेश का अनुपालन कर रही है। साथ ही पीएंडडब्ल्यू ने कहा कि वह सभी ग्राहकों के लिए आपूर्ति की समयसीमा को प्राथमिकता दे रही है। कंपनी ने बयान में कहा, प्रैट एंड व्हिटनी अपने एयरलाइन ग्राहकों की सफलता के लिए प्रतिबद्ध है। हमने सभी ग्राहकों के लिए आपूर्ति समयसीमा को प्राथमिकता दी है। पीएंडडब्ल्यू गो फर्स्ट से संबंधित मार्च, 2023 के मध्यस्थता फैसले का अनुपालन कर रही है। चूंकि यह मामला अब मुकदमेबाजी में चला गया है, ऐसे में हम इस पर अधिक कुछ नहीं कहेंगे।