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जनवरी में 12 कंपनियों ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए केवल 478 करोड़ रुपये जुटाए। इससे प्राथमिक बाजार में सुस्ती का संकेत मिलता है। आपको बता दें कि जनवरी के आखिरी हफ्ते में हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी हुई थी। इसके बाद ना सिर्फ गौतम अडानी समूह बल्कि समूचा बाजार रेंगता नजर आया।
दो बड़े आईपीओ थे: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 12 आईपीओ में केवल दो बड़े आईपीओ थे, जिन्होंने कुल 323 करोड़ रुपये जुटाए। दूसरी ओर 10 छोटे और मझोले उद्यमों (एसएमई) ने आईपीओ के जरिए कुल 155 करोड़ रुपये जुटाए। इसकी तुलना में कंपनियों ने दिसंबर में आईपीओ के जरिये 5,120 करोड़ रुपये जुटाए थे।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वी के विजयकुमार ने कहा-2023 में निफ्टी के उच्चतम स्तर से लगभग 10 प्रतिशत नीचे आने और अन्य बाजारों में कमजोर प्रदर्शन के साथ बाजार की धारणा नकारात्मक हो गई है। आईपीओ के लिए यह अनुकूल समय नहीं है, हालांकि, बेहतर कीमत वाले आईपीओ निवेशकों को आकर्षित करेंगे।
कुल 38 कंपनियों ने 2022 में आईपीओ के जरिए 57,000 करोड़ रुपये से अधिक का संग्रह किया था। इससे पहले 2021 में 63 कंपनियों ने आईपीओ से कुल 1.2 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे।