Gautam Adani News: अडानी ग्रुप के चेयरमैन और एशिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन गौतम अडानी ने मंगलवार को ग्रुप के शेयरधारकों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि उनका समूह देश में एक नए एनर्जी कारोबार पर 70 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी मदद से भारत कच्चे तेल के आयातक की जगह हरित हाइड्रोजन का निर्यातक बन जाएगा। साल 2015 के बाद से भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता में लगभग 300% की बढ़ोतरी हुई है। यहां तक कि रिन्यूएबल एनर्जी में पिछले साल 20-21 की तुलना में कैपिटल इन्वेस्टमेंट के तहत आश्चर्यजनक 125% की तेजी देखी गई है। गौतम अडानी ने कहा कि अडानी ग्रुप (Adani group) कभी भी भारत में निवेश से पीछे नहीं हटा है क्योंकि समूह की वृद्धि देश की आर्थिक प्रगति से जुड़ी हुई है।
निवेश से पीछे नहीं हटेंगे
अडानी ने कहा, “हमने कभी भी भारत में अपने निवेश को न तो धीमा किया है और न ही निवेश से अपने कदम पीछे खींचे हैं।” अडानी के मुताबिक, समूह की सोच है कि उसकी सफलता भारत की वृ्द्धि के साथ जुड़ी हुई है। वे कहते हैं, ‘हम मानते हैं कि हमारे पैमाने, विविध व्यवसाय और परफॉरमेंस के ट्रैक रिकॉर्ड ने हमें बाजार की विभिन्न स्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखने के लिए मजबूत स्थिति दी है। अडानी समूह की सफलता, भारतीय विकास की कहानी के साथ इसके सामान उद्देश्य पर आधारित है और मेरा दृढ़ विश्वास है कि भारत के समान कोई अन्य राष्ट्र नहीं है। अडानी ने कहा कि उनका समूह देश में हवाईअड्डों का सबसे बड़ा परिचालक बनकर उभरा है और होल्सिम के अधिग्रहण के साथ समूह ने अब सीमेंट कारोबार में भी अपने कदम रख दिए हैं।
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क्या है योजना?
अडानी ट्रांसमिशन भी 2022-23 के अंत तक रिन्यूएबल बिजली खरीद की हिस्सेदारी को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत और 2029-30 तक 70 प्रतिशत तक बढ़ाने पर विचार कर रहा है। अडानी ने कहा, “हमारे कारोबार से मिले संकेतों को देखते हुए, मुझे विश्वास है कि इस चालू वर्ष में भारत की अनुमानित 8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि बहुत ही प्राप्त करने योग्य है।” बता दें कि गौतम अडानी अपने 60वें जन्मदिन और उनके पिता शांतिलाल अडानी की 100वीं जयंती मनाने के लिए 60,000 करोड़ रुपये दान में दे रहे हैं।