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Go First insolvency: गो फर्स्ट एयरलाइन को लीज पर विमान देने वाली कंपनियों की याचिका पर 22 मई को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) फैसला सुनाएगा। लीज पर विमान देने वाली कंपनी- एसएमबीसी एविएशन कैपिटल लिमिटेड, जीवाई एविएशन और एसएफवी एयरक्राफ्ट होल्डिंग्स ने ये याचिकाएं दायर की थीं। उन्होंने कुल मिलाकर गो फर्स्ट को 21 विमान दिए हुए हैं।
क्या है मामला
गो फर्स्ट ने वित्तीय संकट का हवाला देते हुए स्वैच्छिक दिवाला समाधान की अर्जी NCLT में लगाई थी, जिसे मंजूर कर लिया गया है। एयरलाइन को लीज पर विमान देने वाली कंपनियों ने दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने के खिलाफ NCLAT में अपील की थी।
48 घंटे का मौका
NCLAT के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ ने सोमवार को इन तीनों कंपनियों की याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि संबंधित पक्ष अगर कोई अतिरिक्त कागजात रखना चाहें तो 48 घंटे में पेश कर सकते हैं।
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3 मई से बंद है उड़ान सेवाएं
बता दें कि गो फर्स्ट का विमान परिचालन 3 मई से ही बंद चल रहा है। दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी लगाने के बाद से कई विमान प्रदाता कंपनियों ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से अपने 45 विमानों की सूचीबद्धता खत्म कर वापस लेने की मांग रखी है। NCLT ने पिछले हफ्ते एयरलाइन की अर्जी स्वीकार करते हुए दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दी थी। इसके साथ ही उसने अंतरिम समाधान पेशेवर की भी नियुक्ति की है।