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स्वैच्छिक दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही एयलाइन गो फर्स्ट (Go First) की बिक्री की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एयरलाइन के समाधान पेशेवर शैलेंद्र अजमेरा ने बिक्री के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) मंगवाए हैं। अजमेरा ने अखबारों में इसके लिए एक विज्ञापन दिया है। गो फर्स्ट में रुचि दिखाने वालों के लिए 9 अगस्त 2023 तक EoI मांगे गए हैं। मतलब ये कि 9 अगस्त तक इच्छुक कंपनियां अपनी तरफ से बोलियां भेज सकेंगी। EoI प्रक्रिया का मतलब भारतीय कानून के अनुसार संभावित निवेश के लिए खरीदारों या निवेशकों की तलाश की औपचारिक शुरुआत है।
बता दें कि गो फर्स्ट ने वित्तीय संकट का हवाला देते हुए गत तीन मई से ही विमानों का परिचालन बंद किया हुआ है। वहीं, मामला राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण में भी गया जिसने दिवाला कार्यवाही चलाने की मंजूरी देते हुए समाधान पेशेवर भी नियुक्त कर दिया।
हाईकोर्ट ने दी थी सप्लायर को राहत: हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने गो फर्स्ट के विमान आपूर्तिकर्ताओं को महीने में कम-से-कम दो बार अपने विमानों का मुआयना करने के साथ रखरखाव की भी मंजूरी दे दी। हाईकोर्ट ने कहा कि एयरलाइन को पट्टे पर विमान मुहैया कराने वाली कंपनियों का यह दावा वाजिब है कि उनके विमान मूल्यवान होने के साथ जटिल उपकरणों से लैस हैं लिहाजा उनका रखरखाव उनकी निगरानी में ही किया जाना चाहिए।
इसके साथ ही न्यायमूर्ति तारा वितस्ता गंजू ने गो फर्स्ट और उसके अंतरिम समाधान पेशेवर को विमानों के किसी भी कलपुर्जे को हटाने, बदलने या बाहर निकालने से भी रोक दिया। ऐसा केवल तभी किया जा सकता है जब उस विमान की मालिक कंपनी की पूर्व-अनुमति ली गई हो।