कर्मचारी भविष्य निधि संगठन अंशधारकों को ज्यादा रिटर्न देने के उद्देश्य से अब शेयर बाजार में अपना निवेश प्रतिशत बढ़ाने की तैयारी में है। भविष्य निधि संगठन ने अभी करीब 15 फीसदी राशि शेयर बाजार में निवेश करने का फैसला किया हुआ है। सूत्रों के मुताबिक घटती आय और बढ़ती देनदारी को देखते हुए इस निवेश राशि को 15 से बढ़ाकर 25 फीसदी किया जा सकता है।
चार दशक के सबसे निचले स्तर पर ब्याज
संगठन ऋण पत्रों में मिलने वाली आय घटने की भरपाई शेयरों में निवेश करके करना चाहता है। फिलहाल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन अंशधारकों को जो ब्याज दे रहा है, वह चार दशक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। शुक्रवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 8.1 फीसदी ब्याज दर को स्वीकृति दी गई थी।
हर दिन मिलते हैं 600 करोड़ रुपये
खबरों के मुताबिक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के इस समय करीब पांच करोड़ अंशधारक है। वर्तमान में संगठन कुछ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में लगभग 1,800-2,000 करोड़ रुपये निवेश करता है। उसे प्रतिदिन लगभग 600 करोड़ रुपये मिलते हैं। इनमें से 200 करोड़ रुपये दावों के निपटान में खर्च हो जाते हैं। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने शेयर बाजार से जुड़ा योजनाओं में निवेश की संभावनाओं के आकलन के लिए म्यूचुअल फंड प्रबंधकों से मुलाकात भी की है।
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शेयरों में निवेश की सीमा को बढ़ाने के प्रस्ताव को जून के आखिरी सप्ताह में होने वाली ईपीएफओ सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में रखा जाएगा। फिर यह सिफारिश श्रम मंत्रालय और फिर अंतिम मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय में भेजी जाएगी। ईपीएफओ का इरादा शेयरों में निवेश की 15 फीसदी सीमा में चरणबद्ध तरीके से बढ़ोतरी करने का है।.