ऐप पर पढ़ें
EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने मंगलवार को अपनी बैठक में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ब्याज दर बढ़ाकर राहत देने का निर्णय लिया। बोर्ड की सिफारिश में लगभग 11 लाख करोड़ रुपये की कुल मूल राशि पर सदस्यों के खाते में 90,000 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण शामिल है। यह आज तक की सर्वाधिक है। वित्त वर्ष 2021-22 में 9.56 करोड़ रुपये की मूल राशि में 77,424.84 करोड़ रुपये का ब्याज दिया गया था। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में आय और मूल राशि में वृद्धि क्रमशः 16 फीसद और 15 फीसद अधिक है।
सरकार से मंजूरी मिलने पर खाते में जाएगा पैसा
अब सीबीटी के निर्णय के बाद, 2022-23 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर की जानकारी वित्त मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज ईपीएफओ अंशधारकों के खातों में डाल दिया जाएगा।
222 दिन की FD पर 8.85% तक ब्याज, सरकारी बैंक की खास स्कीम में बचे हैं बस 3 दिन
श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय एवं केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता वाले केंद्रीय न्यासी बोर्ड यानी सीबीटी ने 2022-23 के लिए सदस्यों के ईपीएफ जमा पर वार्षिक 8.15 फीसद की दर से ब्याज देने का निर्णय लिया है।
बयान के मुताबिक यह ब्याज दर और 663.91 करोड़ रुपये का अधिशेष पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। ईपीएफओ पिछले कुछ वर्षों में न्यूनतम ऋण जोखिम के साथ विभिन्न आर्थिक चक्रों के माध्यम से अपने सदस्यों को उच्च आय वितरित करने में सक्षम रहा है।
PF खाताधारकों के लिए बड़ी खबर, ई-पासबुक लॉन्च, अब मिलेगी ये सुविधा
ईपीएफओ निवेश के जोखिम को ध्यान में रखते हुए, ईपीएफओ की ब्याज दर ग्राहकों के लिए उपलब्ध अन्य तुलनीय निवेश विकल्पों की तुलना में अधिक है। विशेषज्ञों का कहना है कि ईपीएफओ ने सावधानी और विकास के दृष्टिकोण के साथ मूलधन की सुरक्षा और संरक्षण पर सबसे अधिक जोर देते हुए निवेश के प्रति विवेकपूर्ण और संतुलित दृष्टिकोण का लगातार पालन किया है।