दुनिया के सबसे दौलतमंद अरबपति एलन मस्क और ट्विटर की कहानी ने इस महीने की शुरुआत से ही गहमागहमी पैदा कर रखी है। शुरू से ही चीजें ठीक नहीं लग रही थीं, और तब से कुछ ठीक होता दिख भी नहीं रहा है। ट्वीट तो हो रहे हैं लेकिन उससे भी कोई रास्ता नहीं निकल रहा है।
एलन मस्क ने हाल में एक ट्वीट किया- Love Me Tender। ये मशहूर अमेरिकी गायक-संगीतकार एल्विस प्रेस्ली के 1956 के एक अंग्रेजी गाने का टाइटल है। इस टाइटल को हिंदी में समझना चाहें तो कह सकते हैं बेशुमार चाहत। तो क्या मस्क के इस ट्वीट को ट्विटर के शेयरधारकों को दिए ऑफर से जोड़कर देखा जाए? जाहिर तौर पर मस्क का प्रेस्ली के गाने का जिक्र करना असल में गाने तक सीमित बात नहीं है।
एलन मस्क ने पिछले सप्ताह एक टेड टॉक सम्मेलन में कहा, “अमेरिका और बहुत सारे देशों के स्वतंत्र देश की तरह काम करने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है। एक पब्लिक प्लेटफॉर्म के तौर पर ट्विटर पर भरोसा हम जितना बढ़ा सकें उतना ही मानव सभ्यता पर खतरा कम होगा।” यह कोई अनूठी बात नहीं थी। हर टेक लीडर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लेकर ऐसी ही कल्पना करता है, लेकिन क्या ऐसा हो सकता है? अगर मस्क ट्विटर की हॉट सीट पर बैठ भी जाते हैं तो लोकल नियमों और अलग देशों के अलग कानूनों को ध्यान में रखेंगे।
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43 अरब डॉलर की बोली: एलन मस्क ने पिछले सप्ताह 54.20 अमेरिकी डॉलर प्रति शेयर की दर से ट्विटर को खरीदने के लिए 43 अरब डॉलर की बोली लगाई। वो भी ट्विटर में 9.2 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने के कुछ ही दिन बाद। बाद में पता चला कि मस्क ने ट्विटर के बोर्ड में शामिल होने की पेशकश ठुकरा दी थी। सवाल ये उठता है कि वो उस ग्रुप में शामिल होने से क्यों कतरा रहे हैं जहां बैठकर वो ट्विटर की दिशा और नीतियां तय करने में हिस्सेदार बन सकते हैं?
ट्विटर का दांव: दरअसल, एलन मस्क अगर ट्विटर के बोर्ड में बैठ जाते तो कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 14.9% से ज्यादा नहीं कर पाते। उनका मूड इस झमेले में फंसने का है नहीं। कुछ दिन बाद ट्विटर खरीदने की मस्क की पेशकश के जवाब में ‘पॉइजन पिल’ का हथियार सामने आया। पॉइजन पिल किसी कंपनी के स्टॉक कारोबार में वो हथियार है, जिसके जरिए कुछ खास शेयरधारक ज्यादा शेयर खरीद सकते हैं जिससे वो किसी दूसरे शेयरधारक या खरीदार की शेयरों को खरीदकर कंपनी पर कंट्रोल की कोशिश को नाकाम कर सकें। ट्विटर वालों ने एक तरह से ये साफ कर दिया है कि वो बहुत आसानी से कंपनी का मालिकाना हक एलन मस्क को सौंपने नहीं जा रहे हैं।
जैक डोर्सी का रोल अहम: यह साफ नहीं है कि एलन मस्क खुद या निवेश कंपनियों की मदद से या ट्विटर के बोर्ड में बैठे कुछ लोगों को अपने साथ मिलाकर 43 अरब डॉलर की बोली को और बढ़ा सकते हैं। लेकिन ये वो मौका होगा जब ट्विटर के संस्थापक जैक डोर्सी का रोल अहम होगा, जिन्होंने पिछले साल कंपनी की बागडोर पराग अग्रवाल को सौंप दी थी। डोर्सी के एक ट्वीट से ऐसा लगता है कि ट्विटर के बोर्ड में अनुमान से ज्यादा गहरे मतभेद हैं। डोर्सी ने कंपनी के बोर्ड को लेकर कहा है- यह लगातार कंपनी की बीमारी बनी हुई है। जैक डोर्सी इस साल के अंत तक ट्विटर के बोर्ड में हैं।
ट्विटर के शेयर चढ़े, टेस्ला के लुढ़के: यहीं पर एलन मस्क के लिए एकाध दिक्कतें हैं। जब से मस्क ने ट्विटर में 9.2 प्रतिशत शेयर खरीदा है तब से ट्विटर के शेयर 15 प्रतिशत चढ़ गए हैं। हालांकि वो अब भी मस्क के ऑफर प्रति शेयर के रेट से काफी नीचे हैं। दूसरी तरफ टेस्ला के शेयर 9 पर्सेंट गिर गए हैं। क्या ऐसा तो नहीं कि टेस्ला के शेयरधारकों को डर लग रहा है कि उनके मशहूर सीईओ का ध्यान कहीं और है? क्या एलन मस्क उस मुश्किल समय में अपना ध्यान दूसरी चीजों पर तो नहीं लगा रहे जब खुद टेस्ला कई चुनौतियों से जूझ रही है, मसलन- लॉकडाउन के कारण शंघाई की फैक्ट्री में बंद प्रॉडक्शन।
कीमत बढ़ने के साथ ही टेस्ला ने अपनी इलेक्ट्रिक कारों में मोबाइल चार्जर लगाना बंद कर दिया है। अब ये एक वैकल्पिक एक्सेसरी है जिसे खरीदार चाहे तो लगवा सकता है। एलन मस्क की मानें तो ऐसा इस्तेमाल कर रहे लोगों से मिले डेटा और फीडबैक के कारण किया गया है। कंपनी चाहती है कि ग्राहक नई टेस्ला कार की डिलीवरी से पहले वॉल चार्जर लगवा लें और सुपरचार्जर नेटवर्क का भी इस्तेमाल करें।
ट्विटर खरीदने की वजह: सबसे बड़ा सवाल ये है कि एलन मस्क ट्विटर खरीदना क्यों चाहते हैं? इससे कोई बहुत मुनाफा तो होने वाला है नहीं। अभी तक मस्क ने जो भी कहा है और अपनी बोली को जिस तरह से पेश किया है उससे लगता है कि मानो वो अभिव्यक्ति की आजादी के अगुआ बनने जा रहे हैं और कंटेंट को लेकर ट्विटर की अलग लोगों के लिए अलग तरह की कथित पॉलिसी के खिलाफ कोई जंग छेड़ने वाले हैं। भरपूर मात्रा में गलत और फर्जी सूचनाओं को पूरी तरह या समय पर ना रोक पाने की बात हो या ट्विटर पर बॉट्स की प्रचुरता की बात हो या फिर लोगों से ही सही सूचना जुटाने के एक अच्छे माध्यम की बात हो, ट्विटर एक सिक्के के दोनों पहलू की तरह रहा है।
ट्विटर के लायक हैं मस्क: क्या एलन मस्क की मंशा है कि वो ट्विटर को बदलें? इससे पहले हमें शायद ये पूछने की जरूरत है कि क्या एलन मस्क इस नेक पहल का झंडा उठाने के लायक हैं या नहीं। उनके खुद के ट्वीट कई बार ट्रोलिंग जैसे लगते हैं और वो खुद गलत सूचना शेयर करते पकड़े गए हैं। ठीक एक दिन पहले अमेरिका की एक अदालत ने एलन मस्क के 2017 के एक ट्वीट को झूठा और भ्रामक करार दिया है। मस्क ने 2017 में एक ट्वीट करके बताया था कि कार कंपनी टेस्ला के लिए फंडिंग का इंतजाम हो गया है, जिसके बाद कंपनी के शेयर के दाम कई दिनों तक बढ़ते रहे थे।
धीमे-धीमे ही सही ट्विटर में अब कंटेंट मॉडरेशन और उसकी पॉलिसी के साथ कमाई के नए रास्तों पर गंभीरता से मंथन हो रहा है। कंटेंट की निगरानी और उसमें गड़बड़ी बताने के विकल्प बढ़ाए गए हैं। शायद ट्वीट को एडिट करने के बटन पर भी काम चल रहा है।
कंपनी सरकारी हैंडल, राजनेताओं और दूसरे लोगों के हैंडल और ट्वीट्स में डिस्क्लेमर लगा रही है जो कई बार फर्जी खबरें भी फैलाते हैं। सोशल मीडिया नेटवर्क को लेकर अपने विजन के साथ अगर एलन मस्क ट्विटर में एंट्री मारते हैं तो क्या ये सब चीजें पटरी से उतर जाएंगी?