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देश में ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की घटनाओं में बेतहाशा इजाफे से चिंतित सरकार ने इस पर शिकंजा कसने की तैयारी की है। इस संबंध में बुधवार को एक अहम बैठक होने वाली है। ऑनलाइन वित्तीय लेन-देन को सुरक्षित बनाने के कवायद में होने जा रही इस बैठक में सरकार के विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस बैठक का आयोजन वित्त मामलों की संसदीय समिति करेगी। इसमें ऑनलाइन धोखाधड़ी, लेन-देन और साइबर अपराधों पर चर्चा होगी। इस खास बैठक में ऑनलाइन लेन-देन को किस प्रकार सुरक्षित बनाने पर विचार किया जाएगा। आम नागरिकों को इन अपराधों से सुरक्षित रखने और ऑनलाइन बिजनेस को इसके नकारात्मक प्रभावों से बचाने के उपायों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
बैठक में शामिल होंगे प्रमुख संस्थान
इस बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि, इंडियन बैंक एसोसिएशन, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस बैठक में ये प्रतिनिधि साइबर सुरक्षा और बढ़ते सफेदपोश अपराधों और साइबर धोखेबाजी के मामलों पर चर्चा करेंगे। इस बैठक में ऐसी घटनाओं के बढ़ते मामलों और उनसे बचाव पर विशेष प्रस्तुतिकरण पेश करने की भी संभावना है।
इस बैठक में समिति जो भी फैसला लेगी, उससे ऑनलाइन लेन-देन में होने वाली धोखेबाजी से छुटकारा पाना ही प्राथमिकता होगी।
बैंक धोखाधड़ी, ऑनलाइन फ्रॉड, अनधिकृत लेनदेन से हुए नुकसान पर क्या कहता है RBI, जानें यहां
इस समय में देश में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के फ्रॉड और साइबर क्राइम काफी ज्यादा बढ़ गए हैं, जिसको देखते हुए सरकार भी सतर्क हो गई है। सरकार इस तरह के अपराधों में फोन के इस्तेमाल को लेकर भी सतर्क है। जल्द ही सरकार लोगों को वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए फर्जी सिम जारी करने वाले विक्रेताओं पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। उसके प्रस्ताव के मसौदे के मुताबिक आर्थिक जुर्माना और बढ़ाया दिया जाएगा।
तीन साल में 39 फीसद भारतीय परिवार बने शिकार: करीब 39 फीसद भारतीय परिवार पिछले तीन साल के दौरान ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार बने हैं। इनमें से सिर्फ 24 फीसद को ही उनका पैसा वापस मिल पाया है। लोकलसर्किल्स की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक-
इस तरह ठगा गया
इतने लोगों को ठगा गया