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निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक ने अपने एक उच्च अधिकारी को जूनियर कर्मचारियों के साथ खराब बर्ताव के लिए सोमवार को निलंबित कर दिया। वाइस प्रेसीडेंट स्तर के इस अधिकारी ने कारोबारी लक्ष्य को लेकर कनिष्ठ कर्मियों के साथ गलत बर्ताव किया था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बैंक ने यह कदम उठाया है।
देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक ने कोलकाता में कार्यरत इस अधिकारी को निलंबित कर दिया है। बैंक ने बयान में कहा, ”इस मामले में शुरुआती जांच के बाद संबंधित अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है और मामले की विस्तृत जांच जारी है।” बैंक ने कहा कि हम अपने सभी कर्मचारियों का सम्मान करते हैं और इस तरह के बर्ताव की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती।
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बैंकों को ग्राहकों के अनुकूल कदम उठाने का दिया सुझाव
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा गठित एक समिति ने बैंकों को ग्राहकों के हित में कुछ कदम को उठाने का सुझाव दिया है। समिति ने खाताधारक की मौत के बाद उसके उत्तराधिकारियों के दावों का ऑनलाइन निपटान और पेंशनधारकों की तरफ से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने में लचीलापन दिखाने का सुझाव बैंकों को दिया है। आरबीआई से विनियमित वित्तीय संस्थाओं (RE) में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए गठित इस समिति की रिपोर्ट में यह सुझाव भी दिया गया है कि ‘अपने ग्राहक को जानिए” (KYC) समय-समय पर अद्यतन नहीं किए जाने की वजह से खातों के संचालन पर रोक न लगाई जाए।
कर्जदाता पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए
समिति ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि कर्ज खाता बंद होने के बाद कर्जदारों को संपत्ति के दस्तावेज लौटाने की एक समयसीमा होनी चाहिए और यह समय नहीं देने पर कर्जदाता पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, संपत्ति के दस्तावेज खो जाने की स्थिति में बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों को न केवल उनकी लागत पर दस्तावेजों की प्रमाणित पंजीकृत प्रतियां पाने में मदद के लिए बाध्य होना चाहिए बल्कि ग्राहक को पर्याप्त मुआवजा भी देना चाहिए।
पेंशनधारकों के लाभ के लिए कुछ सुझाव
रिजर्व बैंक ने पिछले साल मई में आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर बीपी कानूनगो की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया था। समिति ने वित्तीय संस्थानों की आंतरिक शिकायत निवारण (आईजीआर) प्रणाली के तहत दर्ज शिकायतों की समीक्षा के बाद अपनी अनुशंसाएं दी हैं। समिति ने पेंशनधारकों के लाभ के लिए भी कुछ सुझाव दिए हैं। इसके मुताबिक, पेंशनभोगियों को अपने बैंक की किसी भी शाखा में अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा करने में सक्षम होना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें भीड़ से बचने के लिए अपनी पसंद के किसी भी महीने में एलसी जमा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।