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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी MCLR रेट में इजाफा करने का ऐलान किया है। रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को रेपो रेट में जैसे ही 35 बेसिस पॉइंट्स का इजाफा किया, उसके तुरंत बाद बैंक ने यह फैसला कर दिया। नतीजतन, बैंक ग्राहकों को अब पहले से ज्यादा EMI पेमेंट करना होगा। एचडीएफसी बैंक ने भी अपने ग्राहकों को झटका दिया है।
सबसे पहले बाद निजी क्षेत्र के बैंक एचडीएफसी की। बता दें बैंक ऑफ इंडिया से पहले प्राइवेट सेक्टर के दिग्गज बैंक HDFC BANK ने भी MCLR रेट में 35 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी की। इससे बैंक ग्राहकों को लोन पर पहले से ज्यादा ब्याज देना होगा। नई दरें बुधवार यानी 7 दिसंबर से ही लागू हो गई हैं।
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एचडीएफसी बैंक द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक ग्राहकों को ओवरनाइट से लेकर 1 महीने तक के MCLR पर 8.30 फीसद ब्याज है। वहीं 3 महीने के MCLR पर 8.35 फीसद, 6 महीने पर 8.45 फीसद, 1 साल पर 8.60 फीसद 2 साल पर 8.70 फीसद और 3 साल वाले MCLR पर 8.80 फीसद ब्याज लगता है।
एक्सचेंज पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट में 0.35 फीसद की बढ़ोतरी की है। इससे रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट बढ़कर 9.10 फीसद हो गया है, जो पहले 8.75 फीसद थी। नई दरें लागू हो गई हैं।
बैंकरों ने आरबीआई की मौद्रिक नीति की सराहना की
बैंकरों ने भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा रेपो दर में 0.35 प्रतिशत वृद्धि का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि लगातार पांचवीं बार दर में मामूली बढ़ोतरी, आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति के बीच अच्छा संतुलन बनाती है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 करने की घोषणा की है। इस तरह मई, 2022 से रिजर्व बैंक रेपो दर में कुल 2.25 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है।