परंपरागत निवेश विकल्पों में कम रिटर्न और सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में बढ़ते रुझान के कारण निवेशक इक्विटी म्यूचुअल फंड में जमकर पैसा लगा रहे हैं। यही कारण है कि वित्त वर्ष 2021-22 में इक्विटी आधारित फंड में 1.64 लाख रुपये का शुद्ध निवेश हुआ है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में निवेशकों ने इक्विटी म्यूचुअल फंड से 25,966 करोड़ रुपये की निकासी की थी।
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जानकारों का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमत के कारण फरवरी के अंत और मार्च की शुरुआत में बाजार में गिरावट रही। इससे निवेशकों को बाजार में पैसा लगाने का मौका मिला और वे इसे भुनाने से नहीं चूके। इसके चलते इक्विटी म्यूचुअल फंडों का एसेट बेस भी इस साल के अंत तक 38 फीसदी बढ़कर 13.65 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
एसआईपी के जरिए मजबूत किया रिटर्न
एएमएफआई के सीईओ एनएस वेंकटेंस का कहना है कि म्यूचुअल फंड निवेशकों ने एसआईपी के जरिए अपने रिटर्न को मजबूत किया है। वेंकटेश के मुताबिक, इक्विटी आधारित फंड्स में फोलियो की संख्या या निवेशक खाते मार्च 2022 में बढ़कर 8.6 करोड़ हो गए, जो अप्रैल 2021 में 6.64 करोड़ थे। इस तरह फोलियो की संख्या में 29 फीसद की वृद्धि हुई है। यह म्यूचुअल फंड के प्रति निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है।