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आम का ठेला हो या लक्जरी घड़ियाें का शो रूम,  ₹2000 के नोट पकड़ा रहे खरीददार, कहीं इनकार तो कहीं स्वेच्छा से स्वीकार

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2000 रुपये के नोट जल्द से जल्द खपाने के लिए लोग अब दैनिक आवश्यक वस्तुओं से लेकर प्रीमियम ब्रांडेड सामानों की खरीदारी में कर रहे हैं। जब आरबीआई ने शुक्रवार को घोषणा की कि देश का सबसे बड़ा नोट सितंबर के अंत तक चलन से वापस ले लिया जाएगा तो इसने इस कदम का कारण नहीं बताया। 2016 की नोटबंदी की तुलना में इस बार इफरा-तफरी बहुत कम है। बैंकों में कतार लगाने की परेशानी से बचने के लिए लोग 2000 रुपये के नोट का उपयोग आम खरीदने से घड़ी खरीदने तक कर रहे हैं।

वहीं, दुकानदार भी 2000  के नोट को बिक्री बढ़ाने के अवसर के रूप में देख रहे हैं। भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में क्रॉफर्ड मार्केट क्षेत्र के पास एक आम विक्रेता 30 वर्षीय मोहम्मद अजहर ने कहा, “शनिवार से बहुत सारे लोग आम के पेमेंट के लिए 2,000 रुपये के नोटों का उपयोग कर रहे हैं।” अजहर ने आगे कहा, “दैनिक आधार पर मुझे अब 8-10 नोट मिलते हैं। मैं इसे स्वीकार करता हूं। मेरे पास कोई विकल्प नहीं है, यह मेरा व्यवसाय है। मैं 30 सितंबर से पहले एक बार में सब जमा कर दूंगा। नोट वैध होने के बाद से कोई डर नहीं है।”

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मध्य मुंबई के एक मॉल में राडो स्टोर के स्टोर मैनेजर माइकल मार्टिस ने कहा कि निकासी की घोषणा के बाद से उनके स्टोर में 2000 रुपये के नोटों में 60% से 70% की वृद्धि देखी गई है। मार्टिस ने कहा, “इससे हमारी घड़ी की बिक्री पहले के 1-2 से बढ़कर 3-4 पीस प्रति दिन हो गई है।”

फूड डिलीवरी फर्म ज़ोमैटो ने सोमवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर कहा कि शुक्रवार से 2,000 रुपये के नोटों में “कैश ऑन डिलीवरी” ऑर्डर का 72% भुगतान किया गया है। हालांकि, कंपनी के प्रवक्ता ने ब्योरा मांगने वाले एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि ट्वीट मजाक में किया गया था और तथ्यात्मक नहीं था। कंपनी ने वास्तविक संख्या देने से इनकार कर दिया।

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दक्षिण मुंबई में एक रेस्तरां के मालिक ने कहा, “मैं 2000 का नोट स्वीकार नहीं करता और न ही मैं स्वीकार करूंगा। मैं इसे अपने बैंक में जमा करने के झंझट में नहीं पड़ना चाहता।”

जब ग्राहक चलन से बाहर हो चुके नोटों को बदलने के लिए बैंकों में पहुंचे, मुंबई और नई दिल्ली में बैंक शाखाएं ज्यादातर शांत थीं और मुट्ठी भर लोग कतार में खड़े थे। भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक के काउंटरों पर अधिकतम भीड़ देखी गई, क्योंकि बैंक ने एक समय में अधिकतम  20,000 रुपये तक के एक्केसचेंज लिए कोई दस्तावेज नहीं मांगा जा रहा था।

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