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आईटी क्षेत्र को खर्च में कटौती की वजह से भारतीय कंपनियों में औसत सैलरी इंक्रीमेंट पिछले साल के 9.4% से घटकर 9.1% रहने का अनुमान है। यह एक दशक में सबसे खराब वृद्धि है। ऑडिट और कंसल्टिंग फर्म डेलॉइट इंडिया द्वारा किए गए एक स्टडी के मुताबिक बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी के प्रभाव से आईटी उद्योग में पिछले साल के 19.7% से 15-16% के पूर्व-कोविड स्तर पर गिरावट आएगी।
हजारों लोगों की नौकरी छीनने के बाद मेटा अपने कर्मचारियों को देगा कम बोनस का झटका
डेलॉयट इंडिया के पार्टनर आनंदोरूप घोष ने कहा, “आईटी प्रोडक्ट फर्मों और डिजिटल ई-कॉमर्स कंपनियों के नेतृत्व में आईटी क्षेत्र में एक दशक की सबसे कम वृद्धि मिलने का अनुमान है।” इंडिया टैलेंट आउटलुक 2023 के मुताबिक पिछले वर्ष की वास्तविक 10.3% वृद्धि की तुलना में आईटी सेगमेंट में 9.1% वेतन वृद्धि का अनुमान है। आईटी सेक्टर के लिए अनुमानित वृद्धि 2022 में 10.5% थी और लगभग एक दशक पहले यह ग्रोथ 10% हुआ करती थी।
बैंकिंग संकट का असर
आईटी सेक्टर में पेशेवरों की मजबूत मांग से उत्साहित हायरिंग के लगभग एक साल बाद इस क्षेत्र को अपने वैश्विक ग्राहकों की कमी और पश्चिमी देशों में बड़े बैंकिंग संकट का सामना करना पड़ रहा है। कई बड़ी विदेशी टेक कंपनियों ने बड़ी संख्या में कर्मचारियों को यह दावा करते हुए निकाल दिया है कि उन्होंने “ओवर-हायर” किया था।
यहां होगा अच्छा इंक्रीमेंट
डेलॉइट ने 25 सेक्टर के 300 कंपनियों के एचआर हेड से बड़े पैमाने पर डेटा कलेक्ट किया। स्टडी से पता चलता है कि लाइफ साइंसेज और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 2023 में उच्चतम वेतन वृद्धि देखी जाएगी। दोनों को पिछले साल की 9.7 की वास्तविक वृद्धि के मुकाबले 9.5% की बढ़ोतरी की उम्मीद है। घोष ने एक इंटरव्यू में कहा कि लाइफ साइंस उद्योग महामारी के दौरान काफी हद तक अप्रभावित रहा और आर्थिक मंदी का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
डेलॉयट के अध्ययन से यह भी पता चला है कि लगभग 42% संगठन अपने ढांचे को बदलती व्यावसायिक आवश्यकताओं के संदर्भ में नियमित रूप से संशोधिन नहीं करते हैं। घोष ने कहा कि यह एक चुनौती पैदा कर सकता है, जब कंपनियां अपने व्यापार मॉडल को बदलना चाहती हैं, जैसे उन्होंने महामारी के बाद किया था, क्योंकि टैलेंट में डिमांड और सप्लाई का गैप था। केवल 19% संगठन, जिनमें से ज्यादातर आईटी, आईटीईएस और उपभोक्ता क्षेत्रों में हैं, ने पुष्टि की कि उनके कर्मचारियों में उनकी वर्तमान भूमिका से परे कौशल की विजिबिलिटी है।