देश के सबसे बड़े इंजीनियरी एवं निर्माण उद्योग किर्लोस्कर समूह में सबकुछ ठीक नहीं है। बीते 6 साल से समूह के किर्लोस्कर बंधुओं के बीच संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है। अब किर्लोस्कर इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड के शेयरधारकों की असाधारण आमसभा बुलाकर किसी बाहरी एजेंसी से कंपनी का फॉरेंसिक ऑडिट करवाने का अनुरोध किया है।
कितनी है हिस्सेदारी: किर्लोस्कर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केआईएल) की किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड (केबीएल) में 23.91 फीसदी हिस्सेदारी है। केआईएल के मुताबिक उसके निदेशक मंडल की 21 अक्टूबर को बैठक हुई थी जिसमें केबीएल की एक असाधारण आम बैठक (ईजीएम) आयोजित करने को मंजूरी दी गई है।
केआईएल ने शेयर बाजारों को बताया कि ईजीएम का अनुरोध अतुल किर्लोस्कर और राहुल किर्लोस्कर दोनों की तरफ से किया गया है। इन दोनों की केबीएल में करीब 0.5-0.5 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं, केबीएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजय किर्लोस्कर हैं।
दो गुट में बंटा परिवार: राहुल और अतुल एक तरफ हैं जबकि संजय दूसरी तरफ हैं। इन दोनों गुटों के बीच 2016 से ही 130 साल पुराने समूह की संपत्ति के पारिवारिक निपटारे को लेकर विवाद चल रहा है। उन पर भेदिया कारोबार के आरोप भी लग चुके हैं। केआईएल ने कहा कि केबीएल के निदेशक मंडल विशेषकर स्वतंत्र निदेशकों को लेकर कई गंभीर और अहम सवाल उठते हैं।
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अपनी ईजीएम में केआईएल ने मांग की कि केबीएल के मामलों का फॉरेंसिक ऑडिट किसी स्वतंत्र एवं प्रतिष्ठित कंपनी से करवाया जाए जो सभी रिकॉर्ड, बहीखातों की पूरी जांच और सत्यापन करे।