ऐप पर पढ़ें
आयकर रिटर्न में अधिक कर कटौती या छूट का दावा करने वालों पर विभाग की पैनी नजर है। स्क्रूटनी के दौरान मामले संदिग्ध पाए जाने पर करदाताओं को नोटिस जारी कर सबूत के तौर पर संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं। दावा फर्जी पाए जाने पर आयकर विभाग उचित कार्रवाई कर सकता है।
15 दिन का दिया गया समय
बताया जा रहा है कि नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार, यदि किसी को आयकर विभाग की ओर से छूट का सबूत मांगा गया है तो करदाता को सभी सहायक दस्तावेज जैसे कोई संबंधित रसीदें, चालान, वाउचर या कोई अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। अगर कोई करदाता निर्धारित समय सीमा के भीतर जवाब देने में असमर्थ है तो वह संबंधित मूल्यांकन अधिकारी से समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध कर सकता है।
यह भी पढ़ें: इनकम टैक्स के किस नोटिस का क्या है मतलब, घबराएं नहीं, पहले समझें
समय पर दें नोटिस का जवाब
टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार, नोटिस का समय पर जवाब देना जरूरी है। अगर कोई करदाता जवाब नहीं देता है तो विभाग ऐसे मामलों को कर चोरी की श्रेणी रख देता है और कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर देता है। ऐसे लोगों पर कुल देय आयकर का 200 फीसद तक जुर्माना लगाया जा सकता है।