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Adani-Hindenburg Case: सुप्रीम कोर्ट में अडानी और हिंडनबर्ग से जुड़े मामले की सुनवाई के बीच सोमवार को ग्रुप के शेयर बुरी तरह टूट गए। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन समूह की कंपनियों के शेयर 5 प्रतिशत तक गिर गए। इस वजह से समूह का मार्केट कैपिटल एक दिन पहले के 9,66,138 करोड़ रुपये से 21,227 करोड़ रुपये घटकर 9,44,910 करोड़ रुपये रह गया।
किस शेयर के क्या हाल
अडानी समूह की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज में 2.50% गिरावट आई और यह 1915.75 रुपये पर बंद हुआ। अडानी पोर्ट्स के शेयर आधा प्रतिशत की गिरावट के साथ 696.30 रुपये पर बंद हुए। अडानी पावर का शेयर 1.76 फीसदी गिरकर 236.85 रुपये पर आ गया। अडानी टोटल गैस के शेयर 777.45 रुपये पर, अडानी ट्रांसमिशन 4.6 प्रतिशत गिरकर 844.30 रुपये पर बंद हुए। अडानी विल्मर 1.21 फीसदी की गिरावट के साथ 387.65 रुपये पर ठहरा।
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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
बीते 24 जनवरी को अमेरिका के शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर शेयरों से हेरफेर और शेल कंपनियों के जरिए फ्रॉड करने के गंभीर आरोप लगाए। इन आरोपों को अडानी समूह ने सिरे से खारिज कर दिया। इसके बावजूद समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई। इसका असर शेयर बाजार पर भी पड़ा और निवेशकों की बड़ी रकम डूब गई। ऐसे में यह मामला सुप्रीम कोर्ट गया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए शेयर बाजार को रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी से 2 महीने में जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया। सेबी ने इस अवधि को 6 महीने और बढ़ाने की मांग की है। इसी मांग पर अदालत में सुनवाई चल रही है।
क्या कहा सेबी ने
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अडानी समूह द्वारा विनियामक खुलासे की संभावित खामियों की जांच का कोई भी गलत या समय से पहले निष्कर्ष न्याय के हित में नहीं होगा। सेबी ने बताया कि भारतीय कानूनों का उल्लंघन करने के लिए हिंडनबर्ग द्वारा उठाए गए मुद्दे थोड़े पेचीदा हैं। सेबी के मुताबिक निर्णायक निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले अलग-अलग स्रोतों से प्राप्त दस्तावेजों पर विश्लेषण करना होगा।
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सेबी ने यह भी कहा कि इस दौरान 51 भारतीय सूचीबद्ध कंपनियों के खिलाफ जांच की गई, जिनमें से कोई भी अडानी समूह की सूचीबद्ध कंपनी नहीं थी। सेबी ने उन खबरों को भी खारिज किया, जिसमें दावा किया जा रहा था कि 2016 से अडानी समूह की जांच हो रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने सेबी द्वारा अडानी समूह पर जांच पूरी करने के लिए छह महीने के विस्तार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है।