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अडानी-हिंडनबर्ग केस: सेबी सदस्य के गौतम अडानी के साथ पारिवारिक संबंध, सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता का हलफनामा

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अडानी-हिंडनबर्ग मामले में याचिकाओं के एक ग्रुप की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की भागीदारी हितों का टकराव है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि सेबी के एक सदस्य के अडानी ग्रुप के साथ पारिवारिक संबंध हैं।

याचिकाकर्ता अनामिका जयसवाल द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है, “अडानी ग्रुप की जांच करने में सेबी के हितों का स्पष्ट टकराव है, क्योंकि एक कर्मचारी, सिरिल श्रॉफ की बेटी की शादी अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के बेटे करण अडानी से हुई है।” सिरिल श्रॉफ एक कानूनी फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास में प्रबंध भागीदार हैं। याचिकाकर्ताओं में से एक ने कहा कि वह कॉरपोरेट गवर्नेंस पर सेबी की समिति के सदस्य भी हैं, जो इनसाइडर ट्रेडिंग जैसे अपराधों से निपटती है।

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वहीं, सेबी द्वारा प्रस्तुत स्थिति रिपोर्ट के जवाब में दायर हलफनामे में कहा गया है, “सेबी न केवल इस मामले पर सोया रहा, बल्कि उसने केवल अडानी को लाभ पहुंचाने के लिए कई संशोधन किए।” सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 15 सितंबर को सुनवाई कर सकता है। याचिकाकर्ताओं ने यह भी तर्क दिया कि सेबी ने राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के जनवरी 2014 के अलर्ट को छुपाया, जिसमें कहा गया था कि अडानी ने पैसा निकाला और इसे दुबई और मॉरीशस स्थित संस्थाओं के माध्यम से अडानी-सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश किया।

अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों की जांच सेबी कर रहा है

बता दें हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों की जांच सेबी कर रहा है। उसने 22 मामलों की जांच रिपोर्ट पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी। इस मामले में जनहित याचिका दायर करने वालीं एक याची ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर कर कहा है कि डीआरआई ने वर्ष 2014 में ही सेबी के तत्कालीन प्रमुख को पत्र लिखकर शेयरों के भाव में हेराफेरी की आशंका जताई थी।

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