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अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी समूह के कर्ज पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस बीच, मीडिया में एक रिपोर्ट ऐसी भी आई है जिसमें दावा किया गया कि अडानी समूह द्वारा कर्ज भुगतान पर किया गया दावा, शेयर बाजार के आंकड़ों से मिलान नहीं करता है। इस पर समूह के मुख्य वित्त अधिकारी यानी CFO जुगशिंदर रॉबी सिंह ने कहा कि शेयर बाजार प्रवर्तक के गिरवी रखे शेयर के बारे में आंकड़े तिमाही समाप्त होने के बाद अपडेट करेंगे, उसके बाद चीजें खुद-ब-खुद साफ हो जाएगी।
उन्होंने मौजूदा आंकड़े के समूह के बयान से मेल नहीं खाने के बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए यह बात कही। समूह ने बयान में कहा है कि उसने शेयर के आधार पर लिये गये सभी 2.15 अरब डॉलर के कर्ज का भुगतान कर दिया है।
जुगशिंदर रॉबी सिंह सिंह ने उन रिपोर्ट में ‘जानबूझकर गलत बयान’ देने की बात कही जिसमें कहा गया है कि कंपनी के सात मार्च और 12 मार्च की घोषणा शेयर बाजारों में उपलब्ध सूचना से मेल नहीं खाती। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, ”…उन्हें पता है कि संबंधित शेयर बाजार प्रवर्तक के गिरवी रखे शेयर के बारे में आंकड़े तिमाही के अंत में अपडेट करेंगे। कुछ रिपोर्ट में जानबूझकर गलत बयान दिये गये हैं, शेयर बाजार में तिमाही के अंत में आंकड़े अपडेट करने के बाद सभी के लिये चीजें साफ हो जाएंगी।”
क्या है दावा: अडानी समूह ने 12 मार्च को कहा था कि उसने शेयर गिरवी रखकर लिये गये 2.15 अरब डॉलर का कर्ज लौटा दिया है। ये कर्ज प्रवर्तकों के शेयर गिरवी रखकर लिया गया था। समूह के मुताबिक कर्ज समयसीमा 31 मार्च, 2023 से पहले लौटाये गए हैं।
हालांकि, अलग-अलग रिपोर्ट में कहा गया है कि शेयर बाजारों को दी गयी सूचना के अनुसार समूह की कंपनियों-अडानी पोर्ट्स एंड सेज, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर अब भी वित्तीय संस्थानों के पास गिरवी हैं।