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Gautam Adani vs hindenburg research: हिंडनबर्ग विवाद के बाद संकट में घिरे गौतम अडानी समूह एक बार फिर से अफवाह के शिकार हो गए और उन्हें सफाई देनी पड़ गई। इस बार मामला ऑडिटिंग से जुड़ा हुआ है। दरअसल, पिछले सप्ताह एक खबर आई थी जिसमें यह कहा गया था कि अडानी ने अपनी कुछ कंपनियों के स्वतंत्र ऑडिट के लिए अकाउंटेंसी फर्म ग्रांट थॉर्नटन को नियुक्त किया है। हालांकि, अडानी एंटरप्राइजेज ने इस खबर को अफवाह बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया है।
बता दें कि इससे पहले अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड और अंबुजा सीमेंट्स के शेयरों के बायबैक की अफवाह उड़ी थी। एक रिपोर्ट में कहा जा रहा था कि ये कंपनियां ₹3,000 करोड़ शेयरों के बायबैक की योजना बना रही हैं। इस पर अडानी समूह की दोनों कंपनियों ने शेयर बाजार को स्पष्टीकरण देकर खबर को अफवाह बताया था।
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आपको बता दें कि शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट सामने आने के बाद से अडानी ग्रुप के शेयर से लेकर बॉन्ड तक को तगड़ा नुकसान हुआ है। अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप घटकर आधी हो गई। न्यूज एजेंसी रायटर्स के अनुसार, अडानी समूह ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद कानूनी अनुपालन, संबंधित पक्ष लेनदेन और इंटरनल कंट्रोल से संबंधित मुद्दों पर अलग-अलग से मूल्यांकन पर विचार कर रहा है। इसके बाद रायटर्स ने सूत्रों ने हवाले से कहा था कि अडानी समूह की कुछ कंपनियों के स्वतंत्र ऑडिट करने के लिए ग्रांट थॉर्नटन को हायर किया गया है। हालांकि, इसे अडानी ग्रुप से निराधार बता दिया है।
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आपको बता दें कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयरों में हेरफेर और अकाउंट फ्रॉड जैसे कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि, अडानी ग्रुप ने सभी आरोपों को गलत बताया है। पिछले तीन हफ्तों में समूह की सात लिस्टेड कंपनियों के शेयरों के बाजार में लगभग 120 बिलियन डाॅलर का नुकसान हुआ है।