ऐप पर पढ़ें
हिंडनबर्ग के तूफान के शोर भले ही थम गया हो। लेकिन अडानी ग्रुप (Adani group) की कंपनियों के शेयरों को पुराना लेवल हासिल करने के लिए अभी काफी मशक्कत करनी होगी। कंपनी निवेशकों को भरोसा जीतने के लिए नई रणनीति पर काम कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रुप के प्रमोटर्स ने अब समूह के विस्तार के लिए कर्ज ना लेने का फैसला किया है।
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप के प्रमोटर्स नई रणनीति पर काम कर रहे हैं। कर्ज ना लेने का फैसला उनकी नई “रिस्क मैनजमेंट” स्ट्रेटजी का ही हिस्सा माना जा रहा है। हालांकि, जब कभी भी कंपनियों को फंड की जरूरत रहेगी तब प्रमोटर्स “नेट लेंडर्स” की भूमिका निभाएंगे। हाल ही गौतम अडानी की अगुवाई वाली प्रमोटर्स ग्रुप ने प्लेज्ड शेयर के बदले लिए 2.5 अरब डॉलर के कर्ज का भुगतान किया था। बता दें, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में प्रमोटर्स पर भी गंभीर आरोप लगाए गए थे।
यह भी पढ़ेंः 3050 प्रतिशत का रिटर्न, 3 साल में 1 लाख का बना दिया 30 लाख रुपये
फंड के शेयरों को बेचने की तैयारी में अडानी ग्रुप
गौतम अडानी की अगुवाई वाला समूह इक्विटी शेयर बिक्री के जरिये 2 से 2.5 अरब डॉलर जुटाने पर विचार कर रहा है। शेयर बाजारों को दी गयी सूचना के अनुसार समूह की दो कंपनियों के निदेशक मंडल की 13 मई को बैठक होगी जिसमें फंड जुटाने के बारे में निर्णय किया जाएगा।
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ”कंपनी के निदेशक मंडल की शनिवार 13 मई को अहमदाबाद में बैठक होगी। इसमें अन्य बातों के साथ इक्विटी शेयर या किसी अन्य पात्र प्रतिभूतियों को जारी कर धन जुटाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा और उसे मंजूरी दी जाएगी। निजी नियोजन, पात्र संस्थागत नियोजन, तरजीही आधार पर जारी निर्गम या अन्य किसी माध्यम से अथवा दोनों के माध्यम से पूंजी जुटायी जा सकती है।” समूह की एक अन्य कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी ने भी इसी प्रकार की सूचना शेयर बाजारों को दी है। हालांकि दोनों कंपनियों ने यह नहीं बताया कि वे इक्विटी शेयर बिक्री के जरिये कितनी राशि जुटाएंगी।
(एजेंसी के इनपुट के साथ)