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सुप्रीम कोर्ट की एक एक्सपर्ट कमेटी से ‘क्लीन चिट’ मिलने के बाद अडानी ग्रुप के सभी 10 स्टॉक्स शुक्रवार को सुबह लाल निशान पर ट्रेड करने के बाद शाम को हरे निशान पर बंद हुए थे। हालांकि पिछले छह महीने में अडानी ग्रुप के स्टॉक्स औंधेमुंह गिरे हैं। इसी अवधि के दौरान हिंडनबर्ग की आंधी भी आई थी, जिसमें शेयरों के पांव उखड़ गए। छह महीने के दौरान सबसे अधिक गिरावट अडानी टोटल गैस, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन और अडानी एंटरप्राइजेज में देखने को मिली।
इसके पीछे एक खबर थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट की एक एक्सपर्ट कमेटी ने कहा था कि अडानी समूह के शेयरों के भाव में हेराफेरी का उसे कोई सबूत नहीं मिला है। इसके साथ ही अडानी समूह की कंपनियों में विदेशी कंपनियों के निवेश में हुए कथित उल्लंघन की अलग से हुई सेबी (Sebi) की जांच में कुछ नहीं मिला है।
किस शेयर ने कितना कराया नुकसान
अडानी एंटरप्राइजेज इस अवधि में 4019.80 से 1956.05 रुपये पर आ गया है। यानी हर शेयर पर 2063.75 रुपये का नुकासान। अडानी ग्रीन ने तो अपने निवेशकों के चेहरे पीले कर दिए हैं। यह स्टॉक 6 महीने में 1188.45 रुपये प्रति शेयर नुकसान कराकर अब 896.95 रुपये पर है। यानी करीब 57 फीसद का टूटा है। अडानी ट्रांसमिशन हर शेयर पर 2328.90 रुपये नुकसान कराकर करीब 75 फीसद टूटा है। यह स्टॉक पिछले 6 महीने में 3116.25 रुपये से 787.35 रुपये पर आ गया है।
सबसे अधिक पिटाई अडानी टोटल गैस की
अडानी ग्रुप के शेयरों में सबसे अधिक पिटाई अडानी टोटल गैस की हुई है। पिछले 6 महीने में यह स्टॉक 81 फीसद से अधिक टूटा है। इसने हर शेयर पर अपने निवेशकों को 2956.55 रुपये का झटका दिया है। छह महीने में यह स्टॉक 3644.65 रुपये से 688.10 रुपये पर आ चुका है।
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(डिस्क्लेमर: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं, लाइव हिन्दुस्तान के नहीं। यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)