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अरबपति गौतम अडानी समूह ने शेयर बेचकर 21000 करोड़ रुपये (2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक) जुटाने को मंजूरी दे दी है। समूह की दो कंपनी-अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड और अडानी ट्रांसमिशन के बोर्ड ने यह मंजूरी दी है। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों के करीब 4 महीने बाद अडानी समूह ने फंड जुटाने का साहसिक कदम उठाया है।
शेयर बाजार को दी गई जानकारी के मुताबिक अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 12,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। वहीं, पावर ट्रांसमिशन कंपनी अडानी ट्रांसमिशन ने 8500 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दी है।
बता दें कि समूह की एक अन्य कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के बोर्ड की भी शनिवार को बैठक होने वाली थी लेकिन इसे 24 मई तक के लिए टाल दिया गया। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि यूरोप और मध्य पूर्व के निवेशकों ने अडानी समूह द्वारा फंड जुटाने की मुहिम में काफी दिलचस्पी दिखाई है।
कैसे फंड जुटाने की है योजना: स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा कि उसके बोर्ड ने शनिवार को 1 रुपये के फेस वैल्यू वाले इक्विटी शेयर जारी करके फंड तुटाने को मंजूरी दे दी। यह फंड योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (क्यूआईपी) या लागू कानूनों के अनुसार देने की योजना है। वहीं, अडानी ट्रांसमिशन ने भी फंड जुटाने के बारे में बाजार को जानकारी दी है।
बता दें कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी एंटरप्राइजेज का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) लॉन्च हुआ था। यह एफपीओ 20,000 करोड़ रुपये का था। इस रिपोर्ट के बाद बाजार में बड़ी गिरावट आई और समूह के सारे शेयर बुरी तरह बिखर गए। एफपीओ पूरी तरह सब्सक्राइब होने के बावजूद अडानी एंटरप्राइजेज ने इसे वापस ले लिया। इसके करीब चार महीने बाद ग्रुप की ओर से फंड जुटाने को लेकर फैसला लिया गया हे।